नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि उसने आंध्र प्रदेश में सरकारी जमीन हड़पने के मामले में वाईएसआरसीपी के पूर्व सांसद एम वी वी सत्यनारायण और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ छापेमारी के बाद ‘बेनामी’ संपत्ति से संबंधित पासबुक के अलावा उनके द्वारा ‘‘अर्जित’’ संपत्तियों के 300 से अधिक विक्रय दस्तावेज जब्त किए हैं।
संघीय एजेंसी ने 19 अक्टूबर को पूर्व सांसद और लेखा परीक्षक गन्नमनेनी वेंकटेश्वर राव के खिलाफ विशाखापत्तनम में पांच स्थानों पर छापेमारी की थी।
सत्यनारायण वर्ष 2019 से 2024 तक वाईएसआरसीपी के सांसद थे। उन्होंने इस साल की शुरुआत में विशाखापत्तनम पूर्वी सीट से आंध्र प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन असफल रहे।
यह मामला 12.51 एकड़ जमीन (200 करोड़ रुपये से अधिक बाजार मूल्य) से संबंधित है, जिसे राज्य सरकार ने वृद्ध लोगों और अनाथों के लिए आवास परियोजना के वास्ते एक कंपनी के प्रवर्तकों को आवंटित किया था।
ईडी ने एक बयान में कहा कि विशाखापत्तनम के अरिलोवा थाने में दर्ज आंध्र प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी में सत्यनारायण, राव और एक तीसरे व्यक्ति गड्डे ब्रह्माजी पर फर्जी हस्ताक्षर करने, विक्रय दस्तावेजों से छेड़छाड़ करने और जबरन जमीन हड़पने का आरोप लगाया गया था।
विशाखापत्तनम के येंदाना गांव में स्थित भूमि को राज्य सरकार ने 2008 में बुजुर्गों और अनाथों के लिए कॉटेज निर्माण के वास्ते हयग्रीव फार्म्स एंड डेवलपर्स नामक कंपनी को आवंटित किया था।
ईडी के मुताबिक, जमीन 2010 में 5.63 करोड़ रुपये के भुगतान पर कंपनी के नाम पर पंजीकृत की गई थी।
इसने कहा, ‘‘हालांकि, आंध्र प्रदेश पंजीकरण एवं स्टांप विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, स्वामित्व प्रदान करने वाले दस्तावेज की तारीख पर उक्त संपत्ति का बाजार मूल्य लगभग 30.25 करोड़ रुपये था।’’
एजेंसी ने कहा कि आरोपी ने धोखाधड़ी से उक्त भूमि का स्वामित्व हासिल करके इसे छोटे-छोटे भूखंडों में विभाजित करके बेच दिया।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)