बेंगलुरु, सात जनवरी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) में कथित अनियमितताओं के खिलाफ “व्यापक” धन शोधन जांच के तहत मंगलवार को आधा दर्जन स्थानों पर छापेमारी की।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि संघीय एजेंसी ने छापेमारी के दौरान “काफी संख्या में” दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण एकत्र किए।
उन्होंने बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत बीबीएमपी से जुड़े लगभग छह कार्यालयों की तलाशी ली गई।
सूत्रों ने बताया कि यह छापेमारी बोरवेल खोदने और आरओ संयंत्र स्थापित करने समेत अन्य कामों में कथित अनियमितताओं को लेकर ईडी की ‘व्यापक’ कार्रवाई का हिस्सा है।
यह तलाशी बीबीएमपी के पूर्व पार्षद एन आर रमेश द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर आधारित है।
भाजपा नेता रमेश ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने 2016 से 2019 के बीच बोरवेल और आरओ संयंत्रों के बारे में 16 जून, 2020 को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में शिकायत दर्ज कराई थी। यह योजना उन क्षेत्रों में सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई थी, जहां कावेरी जल आपूर्ति नहीं है।
रमेश ने कहा, “चूंकि यह 970 करोड़ रुपये के कार्यों से संबंधित 400 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला था, इसलिए एसीबी ने मामले को ईडी को भेज दिया, जिसने आज बीबीएमपी में छापेमारी की।”
छापेमारी के संबंध में बीबीएमपी के मुख्य अभियंता बी एस प्रह्लाद ने कहा कि ईडी ने अपनी प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है और वे 2016 से 2019 के बीच स्थापित बोरवेल और आरओ इकाइयों से संबंधित रिकॉर्ड के सत्यापन के लिए आए हैं।
उन्होंने कहा, “हम उनके साथ सहयोग कर रहे हैं। हम उन्हें दस्तावेज सौंप रहे हैं और वे जो भी मांगेंगे, हम मुहैया कराएंगे।”
प्रह्लाद ने यह भी कहा कि विभिन्न विभागों के प्रमुखों के साथ बैठक चल रही है और वे उन्हें ईडी अधिकारियों से मिलवा रहे हैं।
उनके अनुसार, ईडी ने जांच के लिए एक कमरा मांगा है और उन्हें परिषद भवन के अंदर एक जगह मुहैया कराई जाएगी।
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