देश की खबरें | ईडी ने पत्रकार राणा अयूब की याचिका का विरोध किया

नयी दिल्ली, एक अप्रैल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को पत्रकार राणा अयूब की उस याचिका का विरोध किया जिसमें उनके खिलाफ जारी ‘लुक आउट सर्कुलर’ (एलओसी) को रद्द करने का अनुरोध किया गया है।

ईडी ने उच्च न्यायालय के समक्ष आरोप लगाया कि अयूब एक करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि से संबंधित गंभीर अपराध में शामिल थीं।

न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू को कुछ तथ्यों को रिकॉर्ड में रखने के लिए समय दे दिया और मामले में अगली सुनवाई के लिए चार अप्रैल की तारीख निर्धारित कर दी।

अयूब को 29 मार्च को आव्रजन ब्यूरो द्वारा मुंबई हवाई अड्डे पर उस समय हिरासत में लिया गया था जब उन्हें पत्रकारिता से जुड़े कुछ कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए लंदन जाना था। उन्होंने अपने खिलाफ जारी एलओसी को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और उन्हें विदेश यात्रा करने से रोकने वाले किसी भी निर्देश को रद्द करने का अनुरोध किया।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल और ईडी के वकील अमित महाजन ने दलील दी कि पैसा न केवल डॉलर में बल्कि रुपये में भी प्राप्त हुआ था और यह एक करोड़ से अधिक की धनराशि का मामला है तथा उनके द्वारा कुछ फर्जी बिल जमा किए गए और राहत कार्य से जुड़े धन का गबन किया गया।

पत्रकार ने अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर और सौतिक बनर्जी के माध्यम से अपनी याचिका में कहा कि 29 मार्च को वह महिला पत्रकारों पर साइबर हमलों की वैश्विक समस्या के बारे में कार्यक्रमों में भाग लेने के साथ-साथ भारत में पत्रकारिता की स्थिति पर एक भाषण देने के वास्ते लंदन जाने के लिए मुंबई स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचीं।

याचिका में कहा गया है कि उन्हें हवाई अड्डे पर हिरासत में ले लिया गया और आव्रजन ब्यूरो के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि उनके पास ईडी से निर्देश है कि उन्हें विमान में सवार होने की अनुमति न दी जाए तथा उनके पासपोर्ट पर ‘रद्द’ की मुहर लगा दी गई।

इसमें कहा गया है कि बाद में, ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत उन्हें समन भी ईमेल किया और उन्हें एक अप्रैल को एजेंसी के सामने पेश होने को कहा।

ग्रोवर ने दलील दी की कि अयूब जांच में सहयोग कर रही हैं।

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