जयपुर, आठ सितंबर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार को कहा कि आर्थिक विकास की जड़ें गांवों में हैं और अगर हर ग्रामीण इसका लाभ उठाकर योगदान करेगा तो भारत की अर्थव्यवस्था और मजबूत हो जाएगी।
धनखड़ अपने पैतृक गांव किठाना (झुंझुनू) में आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ साल पहले तक यह सोचा भी नहीं जा सकता था लेकिन आज भारत दुनिया की पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में से एक है और वह दिन दूर नहीं जब भारत तीन प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में होगा। आर्थिक विकास की जड़ गांव में है, आर्थिक विकास का मूल आधार गांव में है। गांव में अगर हर व्यक्ति इसका लाभ लेकर योगदान करेगा तो मेरे मन में कोई शंका नहीं है कि भारत की अर्थव्यवस्था और मजबूत हो जाएगी।’’
ग्रामीण युवाओं से आगे बढ़कर अपनी प्रतिभा को निखारने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी कोई सुविधा नहीं है जो आज गांव में उपलब्ध नहीं हो। अपनी प्रतिभा को उजागर करो और चमकने दो और आप बदलाव निश्चित रूप से देखेंगे।’’
उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने स्वयं देखा व महसूस किया है कि गांव के बालक-बालिकाओं में शुरू में थोड़ी हिचकिचाहट व थोड़ा डर होता है लेकिन कुछ समय बाद सब कुछ उनकी मुट्ठी में होता है।
उन्होंने वृक्षारोपण पर भी जोर दिया। अपने गांव से लगाव का जिक्र करते हुए धनखढ़ ने कहा,‘‘ किठाना मेरे दिल में है, जो भी कुछ हूं किठाना की वजह से हूं। किठाना गांव आदर्श गांव बने, बदलते भारत का हिस्सा बने ये मेरी इच्छा है। यह संभव तभी होगा जब आप (ग्रामीण) सहयोग करेगें।’’
कार्यक्रम में मंच पर उपराष्ट्रपति की पत्नी डॉ सुदेश धनखड़, राज्य की महिला व बाल विकास मंत्री ममता भूपेश भी मौजूद थीं।
मंच पर महिलाओं की उपस्थिति को रेखांकित करते हुए धनखड़ ने इसे देश के बदलते स्वरूप का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा, ‘‘ यह बदलाव हिंदुस्तान का बदला स्वरूप है और यह बदलाव केवल यहीं नहीं देश में ऊपर तक है। देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का ताल्लुक आदिवासी समुदाय से है। ऐसा इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। यह देश में ऐतिहासिक बदलाव का संकेत है।’’
उपराष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद पहली बार गांव किठाना पहुंचे धनखड़ व उनकी पत्नी का ग्रामीणों ने गर्मजोशी से ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया। वायुसेना के हेलीकॉप्टर से गांव पहुंचे धनखड़ ने उतरते ही गांव की धरती को नमन किया। उन्होंने गांव में महात्मा गांधी सरकारी विद्यालय के नए भवन की नींव रखी। उन्होंने गांव में ठाकुर जी के मंदिर में पूजन-वंदन किया और जोड़िया गांव के श्री बालाजी मंदिर में भी पूजा-अर्चना करने गए।
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