मुंबई, 30 जून वैश्विक बाजारों में नकारात्मक रुख के बीच घरेलू बाजारों में भी बुधवार को लगातार तीसरे दिन गिरावट का रुख रहा। निवेशकों की उच्चस्तर पर बिकवाली से बंबई शेयर बाजार (बीएसई) में शुरुआती तेजी बरकरार नहीं रख सकी और अंत में बीएसई सेंसेक्स 67 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ।
बाजार सूत्रों के मुताबिक डालर के मुकाबले कमजोर पड़ते रुपये और ताजा लिवाली के अभाव में कारोबारी धारणा कमजोर रही। यही वजह है कि एक समय करीब 400 अंक ऊपर जाने के बाद 30-कंपनी शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स बिकवाली दबाव में आ गया और अंत में 66.95 अंक यानी 0.13 प्रतिशत गिरकर 52,482.71 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 26.95 अंक यानी 0.17 प्रतिशत गिरकर 15,721.50 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स में शामिल शेयरों में 1.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ पावर ग्रिड में सबसे ज्यादा गिरावट रही। इसके साथ ही बजाज फिनसर्व, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी, एनटीपीसी, एचयूएल, बजाज फाइनेंस और लार्सन एण्ड टुब्रो में भी गिरावट रही।
इसके विपरीत इन्फोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, नेस्ले इंडिया और मारुति सुजूकी, टेक महिन्द्रा और अल्ट्रा टेक सीमेंट के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई।
बाजार की अंतरधारणा नकारात्मक रही। सेंसेक्स में शामिल 30 शेयरों में से 18 गिरावट में रहे जबकि 12 बढ़त रखने में कामयाब रहे।
जियोजित फाइनेंसियल सविर्सिज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप एशियाई बाजारों में चिंता का विषय बना हुआ है। वहीं वैश्विक बाजारों में अमेरिका के रोजगार के आंकड़ों पर नजर है। अमेरिका में जून के रोजगार आंकड़े इसी सप्ताह जारी होने हैं। ये आंकड़े अमेरिका के फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति में अहम भूमिका निभाते हैं।
रिलायंस सिक्युरिटीज में रणनीति प्रमुख बिनोद मोदी ने कहा, ‘‘घरेलू शेयर बाजारों में कारोबार की समाप्ति के अंतिम सत्र में मुनाफा वसूली के बिकवाली दबाव शुरुआती बढ़त जाती रही। वित्तीय शेयरों में बिकवाली से बाजार नीचे आ गया।’’
कारोबार के दौरान बाजार में काफी उठापटक रही। शुरुआत मजबूती के साथ हुई लेकिन दोपहर के सत्र में मुनाफा वसूली चलने से शुरुआती बढ़त जाती रही। हालांकि, इस दौरान सूचना प्रौद्योगिकी, धातु और वाहन कंपनियों के शेयरों में खरीदारी देखी गई। औषधि क्षेत्र की कंपनियां मजबूती में रही जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी बाजार को ज्यादा गिरने से बचाया।
एशिया के अन्य बाजारों में हांग कांग और टोक्यो नुकसान में रहे जबकि शंघाई और सोल के बाजार बढ़त के साथ बंद हुये। यूरोप के बाजारों में मध्याह्न तक नुकसान की स्थिति थी।
उधर, अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड का भाव 0.79 प्रतिशत बढ़कर 74.87 डालर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
डालर के मुकाबले रुपया नौ पैसे और गिरकर 74.32 रुपये प्रति डालर पर आ गया। कच्चे तेल के बढ़ते दाम से निवेशक धारणा प्रभावित हुई है।
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