नयी दिल्ली, 25 अगस्त सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने मंगलवार को सैन्य प्रौद्योगिकियों की परखने की वकालत की जिन्हें भारतीय संदर्भ में अभियानों पर तैनात की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों को उन उपलब्ध ‘विध्वंसकारी प्रौद्योगिकियों’ पर उपयुक्त ध्यान देना होगा जिनका दोहरा उपयोग है और जो वाणिज्यिक निकायों द्वारा संचालित हो रही हैं।
सेना द्वारा आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि जरूरतों की पहचान और सैन्य अनुप्रयोगों के हिसाब से उत्पादों की सटीकता का अहम मिशन सशस्त्र बलों के लिए आधुनिकीकरण रणनीति बनना चाहिए।
उनका बयान रक्षा मंत्रालय द्वारा रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने पर फिर बल दिये जाने की पृष्ठभूमि में आया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमें इस बात की परख करने की जरूरत है कि ऐसी कौन सी प्रौद्योगिकियां हैं जिनकी भारतीय संदर्भ में अभियानों पर तैनात करने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमें उन प्रौद्योगिकियों की पहचान करनी है जिन्हें विकसित किया जाना या स्वदेशी ढंग से या साझेदारी से हासिल करना व्यावहारिक है और ऐसा करते हुए हमें स्वदेशी प्रौद्योगिकी आधार और विकास में लगने वाली लागत पर ध्यान देने की जरूरत है।’’
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