नयी दिल्ली, आठ जनवरी यौन उत्पीड़न के आरोपी दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के रामजस कॉलेज के एक प्रोफेसर ने परिसर में विद्यार्थियों के प्रदर्शन के बाद इस्तीफा दे दिया।
यौन उत्पीड़न के मामले में प्रशासन की कथित निष्क्रियता को लेकर विद्यार्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया।
कथित घटना पिछले साल दिसंबर में उस वक्त हुई थी, जब विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण प्रकोष्ठ में एक प्रमुख पद पर तैनात प्रोफेसर ने एक नाबालिग छात्रा का यौन उत्पीड़न किया था।
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) जैसे वामपंथी संगठनों के साथ-साथ आरएसएस से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) सहित विभिन्न समूहों के छात्रों ने प्रोफेसर के निलंबन की मांग करते हुए बुधवार को प्रदर्शन किया।
यह प्रदर्शन उस वक्त हिंसक हो गया जब कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने लाठी लेकर परिसर में छात्रों पर हमला किया। इसे सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में देखा जा सकता है।
जहां आइसा और एसएफआई ने आरोप लगाया कि हमलावर एबीवीपी के सदस्य थे, वहीं एबीवीपी ने आरोपों से इनकार करते हुए दावा किया कि वे शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे थे।
इससे पहले कॉलेज के प्रिंसिपल अजय अरोड़ा ने कहा था कि प्रोफेसर के खिलाफ जांच चल रही है और आश्वासन दिया था कि हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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