चेन्नई, 18 जनवरी : द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता और तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी अयोध्या में राम मंदिर के खिलाफ नहीं है लेकिन ‘मस्जिद को ध्वस्त’ कर धाम बनाने का विरोध करती है. उदयनिधि ने चेन्नई में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि दिवंगत द्रमुक सुप्रीमो एम.करुणानिधि ने कहा था कि द्रमुक किसी खास धर्म या आस्था के खिलाफ नहीं है. द्रमुक की युवा इकाई के प्रमुख ने 1992 में बाबरी ढांचे के विध्वंस का संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘हमें वहां पर मंदिर बनाने से कोई समस्या नहीं है. हम मस्जिद को ध्वस्त कर मंदिर बनाने से सहमत नहीं हैं.’’
तमिलनाडु सरकार में युवा कल्याण और खेल विकास विभाग का प्रभार देख रहे उदयनिधि ने कहा, ‘‘हमारे कोषाध्यक्ष (टी.आर.बालू) ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि अध्यात्म और राजनीति को मिलाना नहीं चाहिए.’’ अयोध्या में रामजन्म भूमि पर बन रहे भव्य मंदिर में 22 जनवरी को रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा. राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के सवाल पर द्रमुक नेता ने कहा कि उनकी पार्टी ने तमिलनाडु को इस व्यवस्था से अलग करने की मांग को लेकर 50 लाख हस्ताक्षर एकत्र करने का लक्ष्य तय किया था जबकि करीब 85 लाख हस्ताक्षर प्राप्त हुए हैं. यह भी पढ़ें : मंदिर निर्माण पूरा होने के बाद अयोध्या में भगवान राम के दर्शन करुंगा : दिग्विजय
उदयनिधि ने कहा कि इन हस्ताक्षरों को 21 जनवरी को सेलम में आयोजित पार्टी की युवा इकाई के सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री और द्रमुक अध्यक्ष एम.के.स्टालिन को सौंपा जाएगा. उन्होंने कहा कि बाद में ऑनलाइन माध्यम और डाक से मिले हस्ताक्षरों को नयी दिल्ली में राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा. मंत्री के मुताबिक सेलम में आयोजित सम्मेलन में तीन से चार लाख लोगों के हिस्सा लेने की उम्मीद है.