नयी दिल्ली, 17 फरवरी : दिल्ली विधानसभा ने शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा लाए गए विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू की. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने उनकी सरकार को गिराने के लिए आप विधायकों को तोड़ने की कोशिश की. चर्चा शुरू करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) के कस्तूरबा नगर विधायक मदन लाल ने आरोप लगाया कि भाजपा - या तो पार्टी विधायकों को खरीदकर या उसके कामकाज में हस्तक्षेप करके- लगातार केजरीवाल सरकार को “नाकाम” और “पंगु” करने की कोशिश कर रही है. सत्र के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों के निलंबन के बाद सदन में विपक्ष के एकमात्र प्रतिनिधि, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी चर्चा शुरू होने पर उपस्थित नहीं थे.
पिछले तीन साल में केजरीवाल सरकार का यह तीसरा विश्वास प्रस्ताव है. यह आप के उन दावों के बीच आया है कि भाजपा उसके विधायकों को पैसे की पेशकश करके और दिल्ली में उसकी सरकार को गिराकर पार्टी को तोड़ना चाहती थी. पिछले विश्वास प्रस्ताव अगस्त 2022 और मार्च 2023 में लाये गए थे. तब आप ने आरोप लगाया था कि भाजपा उसके विधायक को तोड़ने के लिए “ऑपरेशन लोटस” चला रही है. दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में 62 विधायकों के साथ आप के पास भारी बहुमत है. विपक्षी भाजपा के आठ विधायक हैं, जिनमें से सात वर्तमान में निलंबित हैं. शुक्रवार को विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए केजरीवाल ने कहा, “दो विधायक मेरे पास आए थे और कहा था कि उनसे भाजपा सदस्यों ने संपर्क किया है और उन्हें 25-25 करोड़ रुपये देने की पेशकश की है. उन्हें बताया गया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और सरकार गिरा दी जाएगी.” यह भी पढ़ें : पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने संदेशखालि का दौरा किया
उन्होंने कहा था, “उन्हें यह भी बताया गया कि भाजपा 21 विधायकों के संपर्क में है. उन्होंने ‘ऑपरेशन लोटस’ के तहत हमारे विधायकों से संपर्क करने के कई प्रयास किए हैं. इस बार भी हमारे विधायकों ने झुकने से इनकार कर दिया.” केजरीवाल ने कहा कि इन दावों के बाद आप ने अपने सभी विधायकों से पता किया और पाया कि उनके सात विधायकों से संपर्क किया गया था लेकिन उनमें से किसी ने भी प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया. उन्होंने कहा कि भाजपा जानती है कि वह दिल्ली में कभी चुनाव नहीं जीत सकती और इसीलिए वह आप सरकार को गिराने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है. उन्होंने कहा था, “यह दिखाने के लिए कि हमारे किसी भी विधायक ने दलबदल नहीं किया है, मैं यह प्रस्ताव पेश करता हूं, ‘सदन मंत्रिमंडल में अपना विश्वास व्यक्त करता है’.”