चंडीगढ़, 31 दिसंबर प्रदर्शनकारी किसानों ने मंगलवार को केंद्र सरकार से उनके साथ बातचीत करने का आह्वान किया, ताकि दोनों पक्षों के बीच विश्वास की कमी दूर की जा सके और चीजें आगे बढ़ सकें।
यह अपील ऐसे समय में आई है जब किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसानों की विभिन्न मांगों को पूरा न किए जाने को लेकर अनशन कर रहे हैं।
अनशन को 36 दिन पूरे हो चुके हैं।
सुरक्षाकर्मियों द्वारा पंजाब और हरियाणा के किसानों के ‘दिल्ली कूच’ मार्च को रोके जाने के बाद से डल्लेवाल खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारी किसान यहां फरवरी से डेरा डाले हुए हैं।
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने किसानों के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय की सुनवाई के बारे में पूछे जाने पर कहा, “हम इसका विश्लेषण कर रहे हैं। हम डल्लेवाल जी से चर्चा करेंगे। उनके आमरण अनशन को 36 दिन हो चुके हैं। उनकी तबीयत बिगड़ रही है।”
उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि हमारे देश की संवैधानिक संस्थाएं किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र को आवश्यक निर्देश देंगी।”
पंजाब सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि डल्लेवाल ने चिकित्सा सहायता स्वीकार करने पर सहमति जताई है, बशर्ते केंद्र बातचीत करने का उनका प्रस्ताव स्वीकार कर ले।
कोहाड़ ने कहा कि मुद्दों को बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, “जब हमारे प्रधानमंत्री विदेश जाते हैं तो वह कहते हैं कि बड़े मुद्दों को बातचीत के जरिये सुलझाया जा सकता है। किसान इस देश के नागरिक हैं और बातचीत होनी चाहिए। बातचीत से किसान समुदाय और सरकार के बीच अविश्वास की खाई पट जाएगी। अविश्वास खत्म होने पर चीजें आगे बढ़ सकती हैं।”
न्यायामूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की अवकाश पीठ ने मंगलवार को पंजाब सरकार की याचिका पर गौर किया, जिसमें शीर्ष अदालत के 20 दिसंबर के आदेश का पालन करने के लिए अतिरिक्त तीन दिन की मोहलत देने का अनुरोध किया गया था।
आदेश में डल्लेवाल के अस्पताल में भर्ती कराने की जिम्मेदारी पंजाब सरकार के अधिकारियों और चिकित्सकों को दी गयी थी।
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