गुवाहाटी, 16 जनवरी असम के दीमा हसाओ जिले में पानी से भरे कोयला खदान में फंसे शेष पांच खनिकों को बचाने का अभियान भूमिगत जल के रिसाव के कारण बाधित हो रहा है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि खदान से पानी निकालने के लिए कई पंप की मदद ली जा रही है, लेकिन पानी धीमी गति से निकल रहा है जिससे बचाव अभियान में देरी हो रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘पानी को लगातार बाहर निकाला जा रहा है। लेकिन यह धीमी गति से हो रहा है। संदेह है कि भूमिगत स्रोत से पानी के रिसाव के कारण खदान में लगातार पानी भर रहा है।’’
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) और सेना के जवान बचाव अभियान में जुटे हैं, वहीं नौसेना के गोताखोरों को भी बुलाया गया है।
उमरंगसो इलाके में कोयला खदान में छह जनवरी को अचानक पानी भर गया था, जिससे नौ मजदूर अंदर फंस गए थे। तब से चलाये जा रहे बचाव अभियान में चार शव बरामद किए गए हैं।
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को कहा था कि पानी निकालने की प्रक्रिया में 18 मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘पानी निकालने की प्रक्रिया में रोजाना करीब एक फुट पानी कम हो रहा है। लेकिन हमें संदेह है कि भूमिगत जल का रिसाव हो रहा है क्योंकि पानी कम होने की गति धीमी है और खान के अंदर का पानी, जो शुरू में काले रंग का था अब साफ हो गया है।’’
अधिकारियों ने कहा कि तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) और कोल इंडिया द्वारा लाई गई मशीनों का उपयोग पानी निकालने की प्रक्रिया के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पानी का स्तर जो शुरू में 100 फुट था, धीरे-धीरे कम हो रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘बाकी फंसे खनिकों के बचने की उम्मीद कम होती दिख रही है, लेकिन बचाव अभियान जारी रहेगा।’’
मुख्यमंत्री ने पहले दावा किया था कि खदान 12 साल पहले बंद कर दी गई थी और तीन साल पहले तक असम खनिज विकास निगम के अधीन थी।
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