नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर : अनुकूल हवा चलने के कारण दिल्ली की वायु गुणवत्ता में बुधवार सुबह सुधार देखा गया, लेकिन यह ‘खराब श्रेणी’ में ही दर्ज की गई. वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मंगलवार शाम चार बजे 303 से सुधरकर बुधवार सुबह छह बजे 262 दर्ज किया गया. सोमवार को दिवाली के दिन शाम चार बजे यह 312 था. पड़ोसी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के शहरों गाजियाबाद (262), नोएडा (246), ग्रेटर नोएडा (196), गुरुग्राम (242) और फरीदाबाद (243) में हवा की गुणवत्ता ‘‘मध्यम’’ से ‘‘खराब’’ श्रेणी में दर्ज की गई.
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ तथा 401 और 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है. दिल्ली के पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 प्रदूषण का स्तर बुधवार सुबह राष्ट्रीय मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से तीन से चार गुना अधिक था. राजधानी में दिवाली की रात पटाखों पर लगाए प्रतिबंध का कई निवासियों द्वारा उल्लंघन किए जाने के बाद राजधानी में मंगलवार को वायु गुणवत्ता ‘‘बहुत खराब’’ दर्ज की गई थी, लेकिन अगले दिन प्रदूषण का स्तर 2015 के बाद से सबसे कम रहा. ऐसा गर्मी और हवाएं चलने के कारण हुआ , जिसने प्रदूषण के प्रभाव को कम कर दिया. यह भी पढ़ें : दिल्ली के केशवपुरम में पटाखे फोड़ने पर विवाद, गोलीबारी में चार लोग घायल: पुलिस
पिछले दो वर्षों में, नवंबर में दिवाली के बाद दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता ‘‘गंभीर’ श्रेणी में देखी गई थी. इस महीने के दौरान पराली जलाने की घटनाएं भी जोर पकड़ती हैं जिससे क्षेत्र में घनी धुंध छाई रहती है, जबकि कम तापमान प्रदूषकों को छंटने से रोकता है. चूंकि इस साल दिवाली मौसम की शुरुआत में मनाई गई, इसलिए अपेक्षाकृत गर्मी रहने और हवाएं चलने के कारण प्रदूषण कम रहा. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के अनुसार, राजधानी में पिछले साल की तुलना में इस साल दिवाली के दौरान पीएम 2.5 के स्तर में 64 प्रतिशत की कमी और पीएम10 के स्तर में 57 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई.