नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के दौरान एक दुकान में तोड़फोड़ के मामले में 66 वर्षीय एक व्यक्ति को यह कहते हुए अग्रिम जमानत दे दी कि पुलिस इस मामले में उसकी कथित संलिप्तता के बारे में गंभीर नहीं है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने उदय सिंह को अग्रिम जमानत दी और उसे 30 अक्टूबर को जांच अधिकारी के सामने पेश होने का निर्देश दिया।
अदालत ने सिंह को जांच में सहयोग जारी रखने का भी निर्देश दिया और कहा कि पुलिस को गिरफ्तारी की स्थिति में उसे एक सप्ताह का स्पष्ट नोटिस देगी।
उसने कहा कि वैसे तो सिंह को इस घटना के कथित वीडियो में देखा जा सकता है लेकिन ऐसा नहीं जान पड़ता है कि वह खजूरी खास क्षेत्र में दंगे में शामिल हुआ।
यह भी पढ़े | Delhi: परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने HSRP रजिस्ट्रेशन और कलर कोडेड स्टिकर पर की समीक्षा बैठक.
अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘ रिकार्ड में पेश की गयी सामग्री वायरस वीडियो की प्रामाणिकता के बारे में वाकई कम है।’’
उसने कहा कि शिकायतकर्ता याकूब और सिंह के बीच दुकान के किराये/बिजली बिल को लेकर पहले भी मतभेद रहे हैं। याकूब ने सिंह की दुकान किराये पर ले रखी थी।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून के समर्थकों एवं विरोधियों के बीच हिंसा के बाद 24 फरवरी को सांप्रदायिक दंगा भड़क गया था जिसमें कम से कम 53 लोगों की जान चली गयी थी और करीब 200 घायल हुए थे।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)