Delhi: दिल्ली हाईकोर्ट ने स्टार इंडिया के पक्ष में सुनाया फैसला,कई वेबसाइटों को कॉपीराइट कंटेंट को अवैध रूप से स्ट्रीम करने पर लगाईं रोक
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्टार इंडिया के पक्ष में एक आदेश दिया है, जिसमें 21 दुष्ट वेबसाइटों को इसकी कॉपीराइट सामग्री को अवैध रूप से स्ट्रीम करने से रोक दिया गया है, जिसमें स्टार चैनलों और डिज्नी + हॉटस्टार पर प्रसारित टीवी शो और फिल्में शामिल हैं.

न्यायमूर्ति अनीश दयाल नियमों का उल्लंघन करने वाली वेबसाइटों और जॉन डो (अशोक कुमार) के खिलाफ स्टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मुकदमे की सुनवाई कर रहे थे, जिसमें उनसे इसकी विशेष कॉपीराइट सामग्री तक पहुंच को अधिकृत करने से रोकने के लिए स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की गई थी.

अदालत ने कहा कि वादी, जो स्टार चैनलों और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रसारित सामग्री के निर्माता हैं, ने प्रथम दृष्टया मामला पेश किया है, जिसमें एक पक्षीय विज्ञापन अंतरिम निषेधाज्ञा के साथ-साथ एक गतिशील निषेधाज्ञा की भी जरूरत है.

उन्‍होंने टिप्पणी की, "सुविधा का संतुलन वादी के पक्ष में है, क्योंकि यदि निषेधाज्ञा नहीं दी गई तो अपूरणीय क्षति होगी."

इसके अलावा, अदालत ने डोमेन नाम रजिस्ट्रार को उल्लंघन करने वाली वेबसाइटों के डोमेन और उप-डोमेन को लॉक करने, निलंबित करने या निष्क्रिय करने का निर्देश दिया.

इसके अलावा, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (आईएसपी) को इन वेबसाइटों तक पहुंच को रोकने का निर्देश दिया गया था.

अदालत ने विशेष रूप से प्रतिवादी संख्या 41 और 42 (दूरसंचार विभाग और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) को उचित संचार और नोटिस के जरिए आईएसपी द्वारा निषेधाज्ञा का अनुपालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया.

अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया सबूतों से संकेत मिलता है कि विभिन्न स्टार चैनलों की सामग्री को संदिग्ध वेबसाइटों पर होस्ट या प्रसारित किया जा रहा था. इसने उत्पादकों को डोमेन नाम रजिस्ट्रार, आईएसपी, दूरसंचार विभाग और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को स्टार इंडिया के अधिकारों का हनन करने वाले किसी भी अन्य दर्पण या समान वेबसाइटों के बारे में सूचित करने की भी अनुमति दी.

प्रतिवादियों को निषेधाज्ञा के संबंध में किसी भी आपत्ति के बारे में वादी को सूचित करने का अवसर दिया गया.