नयी दिल्ली, 13 जून दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि दिल्ली सरकार कमला नगर, खारी बावली, लाजपत नगर, सरोजिनी नगर और कीर्ति नगर बाजार को ‘‘विश्व स्तरीय’’ बनाने के लिए उनका पुनर्विकास करेगी।
यह अधिक रोजगार सृजित करने के लिए रोजगार बजट 2022-23 में की गयी घोषणा के अनुरूप है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमने पहले चरण में पुनर्विकास के लिए पांच बाजारों के नामों को अंतिम रूप दिया है। हमने उनकी यूएसपी भी सूचीबद्ध की है।’’
केजरीवाल ने चयनित बाजारों को सूचीबद्ध करते हुए कहा, ‘‘उदाहरण के लिए कमला नगर युवाओं के घूमने-फिरने का क्षेत्र है, खारी बावली को सबसे अच्छे मसालों के लिए जाना जाता है। लाजपत नगर शादी की खरीदारी स्थल है, सरोजिनी नगर अपने ‘स्ट्रीट फैशन’ के लिए जाना जाता है, जबकि कीर्तिनगर एक लोकप्रिय फर्नीचर और घरेलू सजावट बाजार है।’’
उन्होंने कहा कि पुनर्विकास योजना को अंतिम रूप देने के लिए एक डिजाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
केजरीवाल ने कहा, ‘‘अगला चरण एक डिजाइन प्रतियोगिता होगी जिसमें देश के सर्वश्रेष्ठ डिजाइनर और आर्किटेक्ट भाग लेंगे। हम अगले छह सप्ताह में इस डिजाइन प्रतियोगिता की घोषणा करेंगे। इन बाजारों का प्रतियोगिता से सर्वश्रेष्ठ डिजाइन के आधार पर पुनर्विकास किया जाएगा।’’ उन्होंने हालांकि, प्रतियोगिता के विवरण और तौर-तरीकों का खुलासा नहीं किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुनर्विकास से न केवल इन बाजारों में आने वाले लोगों की संख्या और व्यापार में वृद्धि होगी बल्कि रोजगार पैदा करने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि पुनर्विकास योजना में बाजारों की सड़कों को सुदृढ़ किया जाएगा, बाजारों के सौंदर्यीकरण के साथ-साथ सीवर लाइन और पानी की लाइनों को सुव्यवस्थित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को, सरकार ने बाजारों के पुनर्विकास के लिए बाजार संघों से आवेदन आमंत्रित करते हुए एक विज्ञापन दिया था। उन्होंने कहा कि 33 बाजारों के 49 व्यापारी संघों ने इसमें रुचि दिखाई।
केजरीवाल ने कहा, ‘‘हमने आठ सदस्यीय चयन समिति बनाई थी, जिसने आवेदनों की जांच की और नौ बाजारों को चुना, जिनमें से पांच को पुनर्विकास के लिए चुना गया।’’
उन्होंने कहा कि चयन समिति में स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, लोक निर्माण विभाग, दिल्ली जल बोर्ड और दो व्यापारी संघों के प्रतिनिधि शामिल थे।
दिल्ली सरकार के अनुसार, 2022-23 वित्तीय वर्ष में कार्यक्रम के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और अनुमान है कि इस पहल के माध्यम से 1.5 लाख रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
सरकार का लक्ष्य चयनित बाजारों को फिर से डिजाइन करना, भीड़भाड़ कम करना और पुनर्विकास करना है ताकि वहां व्यावसायिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करके रोजगार के अवसर उत्पन्न किए जा सकें।
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