नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) 2024 और 2028 ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए देश की सर्वश्रेष्ठ ट्रेनिंग सुविधाओं को टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना नेशनल सेंटर आफ एक्सीलेंस (टॉप्स एनसीओई) में बदलेगा।
खेल मंत्री किरेन रीजीजू की अध्यक्षता में गुरुवार को साइ की 53वीं आम सभा में यह फैसला किया गया।
इस कदम से 2024 और 2028 ओलंपिक की तैयारियों को और मजबूती मिलेगी।
यह केंद्र राष्ट्रीय खेल महासंघों के सहयोग से चलाए जाएंगे।
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रीजीजू ने बयान में कहा, ‘‘सरकार खिलाड़ियों के लिए वैश्विक स्तर का खेल परितंत्र मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इन टॉप्स एनसीओई में आधुनिक बुनियादी ढांचा, सर्वश्रेष्ठ कोच और सहयोगी स्टाफ के अलावा आधुनिक खेल विज्ञान से जुड़ा सहयोग मुहैया कराया जाएगा।’’
मौजूदा केंद्रों और इन केंद्रों में खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देखते हुए देश भर की साइ और गैर साइ खेल सुविधाओं को टॉप्स एनसीओई में शामिल किया जाएगा।
बैठक में सदस्यों और विभिन्न हितधारकों ने हिस्सा लिया जिसमें भारतीय ओलंपिक संघ के महासचिव राजीव मेहता के अलावा पूर्व टेबल टेनिस खिलाड़ी कमलेश मेहता, बैडमिंटन खिलाड़ी और ध्यानचंद पुरस्कार विजेता तृप्ति मुरुगुंडे, पूर्व हॉकी खिलाड़ी दीपक ठाकुर, वुशु विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता वाईएस देवी और मुक्केबाज अखिल कुमार जैसे पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।
बैठक के दौरान मंत्री ने सूचित किया कि शीर्ष पूर्व खिलाड़ियों, कोचों और विशेषज्ञों की मौजूदगी वाली प्रतिभा खोज समितियों का गठन किया गया है और अगले चार-पांच महीने में वे देशभर में विभिन्न खेलों में खेल प्रतिभा खोजने की काम शुरू कर देंगी और तब तक कोविड-19 से जुड़ी स्थिति में भी सुधार होने की उम्मीद है।
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