कोरोना में संकटमोचन बन CRPF जवान नये अंदाज में कर रहे हैं घर से काम
प्रतीकात्मक तस्वीर (फाइल फोटो )

नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े अर्द्धसैनिक बल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने ‘घर से काम’ करने को नया आयाम दिया है. विस्तारित छुट्टी पर चल रहे उसके कई जवान लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान अपने गृह नगर में सामुदायिक सहायता कार्य कर रहे हैं, तो कुछ अपनी सीमित बचत और संसाधनों का इस्तेमाल लोगों की मदद करने में कर रहे हैं.

बल के महानिदेशक ए पी माहेश्वरी ने सवा तीन लाख कर्मियों को भेजे संदेश में जवानों के इस तरह के प्रयास की सराहना की. राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को देखते हुए तीन मई तक बल ने कई जवानों की छुट्टियां बढ़ा दीं और सभी आवाजाही स्थगित कर दी. महाराष्ट्र में अब तक 23 पुलिसकर्मी कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आ चुके

माहेश्वरी ने संदेश में कहा, ‘‘हम कठिन समय का सामना कर रहे हैं. फिर भी आप अपनी दिक्कतों की परवाह किए बगैर अपने आसपास के लोगों का सहयोग कर रहे हैं. यही सीआरपीएफ का सार तत्व है.’’

डीजी ने कहा, ‘‘आपमें से कई अपने कार्यस्थल से दूर रहने के लिए बाध्य हैं, फिर भी अपने गृह नगर में आप सुनिश्चित कर रहे हैं कि लोग भूखे नहीं रहें और किसी जरूरतमंद को कष्ट नहीं हो. आप प्रशंसा के पात्र हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में आपने ‘घर से काम करने’ को नया अर्थ दिया है, जिसपर कोविड-19 की श्रृंखला तोड़ने के लिए प्रयासरत सरकार ने जोर दिया है.’’

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कांस्टेबल मानव कलिता बच्चों को योग की कक्षाएं करा रहे हैं और असम के बारपेटा जिले में स्थित अपने गांव में जरूरतमंद लोगों को भोजन के पैकेट बांट रहे हैं, जो ‘घर से काम करने’ का बेहतर उदाहरण है.

इसी तरह असम के मोरीगांव जिले में सीआरपीएफ के सहायक उपनिरीक्षक पद्मेश्वर दास ने अपनी बचत के दस हजार रुपये से गरीबों में चावल, दाल, सब्जियां जैसी सामग्रियों का वितरण किया.

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