जयपुर, एक जनवरी नव वर्ष के उपलक्ष्य में राजस्थान के अधिकांश प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
जयपुर के गोविंद देव जी, मोती डूंगरी स्थित गणेश जी, काले हनुमान मंदिर, आमेर आदि मंदिरों में दर्शन के लिए कतार में खड़े श्रद्धालु अपनी बारी का इंतजार करते दिखे।
जयपुर के आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर में भी सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
वहीं, सीकर के खाटूश्यामजी, जीण माता मंदिर, चूरू के सालासर बालाजी, दौसा के मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में भी दूर दराज से आए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी और वहां लोगों की लंबी कतारें देखने को मिलीं।
सालासर बालाजी का मंदिर रात ढाई बजे ही खोल दिया गया और नव वर्ष पर बालाजी के दर्शन के लिये देश भर से लोग पहुंचे। मंदिर के आसपास के सभी होटल, गेस्ट हाउस और धर्मशालाएं दो दिन के लिये पहले से ही बुक हो चुकी हैं।
‘हनुमान सेवा समिति’ के अध्यक्ष यशोदानंदन पुजारी ने बताया कि बुधवार को नववर्ष पर करीब डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालु बाबा के दर्शन करेंगे और मंदिर प्रशासन ने इसके लिए आवश्यक व्यवस्थाएं कर ली हैं।
उन्होंने बताया कि दर्शन के लिए सात कतार बनाई गई है। ठंड को देखते हुए अलाव तथा गर्म पानी की भी व्यवस्था की गई है। 31 दिसंबर रात साढ़े नौ बजे दर्शन बंद किए गए थे, जो रात ढाई बजे फिर से खोल दिए गए।
राजसमंद जिले के नाथद्वारा में श्रीनाथजी मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने श्रीनाथ जी के दर्शन कर पूजा अर्चना की। चित्तौड़गढ़ के सांवलिया सेठ मंदिर में दर्शन के लिए लोग कतार में खड़े रहकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।
जैसलमेर के तनोट माता मंदिर और रामदेवरा में नव वर्ष के अवसर पर बुधवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन किये। बीकानेर के देशनोक स्थित करणी माता के मंदिर और सवाई माधोपुर के त्रिनेत्र गणेशजी मंदिर में नव वर्ष पर बुधवार को विशेष पूजा-अर्चना व आरती की गई।
नव वर्ष के उपलक्ष्य में लोग एक-दूसरे को बधाई शुभकामनाएं दे रहे हैं। नववर्ष की पूर्व संध्या पर कई स्थानों पर आतिशबाजी के साथ संगीत और नृत्य के कार्यक्रम आयोजित किये गये। देर रात तक लोग जश्न में डूबे रहे।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने नव वर्ष पर डीग में मुकुट मुखारविंद और श्रीनाथजी के मंदिर में पूजा-अर्चना की। इससे पूर्व शर्मा मंगलवार शाम को भरतपुर में गोवर्धन परिक्रमा के पूछरी का लौठा पहुंचे और पूजा अर्चना की।
मुख्यमंत्री ने रात को मंदिर के गेस्ट हाउस में रात्रि विश्राम किया और सुबह मंगला आरती में शामिल हुए।
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