तिरुवनंतपुरम, 31 दिसंबर : केरल की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत सरकार ने विधायक साजी चेरियन को मंत्रिमंडल में वापस लाने का फैसला किया है, जिसका कांग्रेस विरोध कर रही है. कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि वाम दल को यह फैसला लेने से पहले चेरियन के खिलाफ दर्ज मामले में अंतिम फैसला आने का इंतजार करना चाहिए था. चेरियन ने जुलाई में पथनमथिट्टा जिले में एक भाषण के दौरान कथित तौर पर संविधान के खिलाफ टिप्पणी की थी और इस संबंध में आपराधिक मामला दर्ज होने के बाद उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था.
माकपा के राज्य सचिव एम वी गोविंदन ने शनिवार को पुष्टि की कि पार्टी के राज्य सचिवालय ने एक दिन पहले चेरियन को कैबिनेट में वापस लाने का फैसला किया. गोविंदन ने पत्रकारों से कहा, “मुख्यमंत्री और राज्यपाल को शपथ ग्रहण समारोह की तारीख तय करनी है.” उन्होंने यह दावा भी किया कि अदालत की ओर से इस मामले में “सभी फैसले” आ चुके हैं और इसमें ज्यादा कुछ नहीं बचा है. यह भी पढ़ें : Maharashtra: शिरडी जा रहे मुंबई के दंपती की सड़क हादसे में मौत, तीन वर्षीय बेटी बची
दूसरी ओर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व सांसद के मुरलीधरन ने कहा कि चेरियन को कैबिनेट में वापस लाने का मुख्यमंत्री का फैसला “गलत” है और सरकार को पूर्व मंत्री के खिलाफ आपराधिक मामले में अदालत के आदेश का इंतजार करना चाहिए था. उन्होंने दावा किया, “यह सही नहीं है. उन्होंने (चेरियन ने) संविधान की आलोचना नहीं, बल्कि अपमान किया. मार्क्सवादी पार्टी ने अदालत के फैसले का इंतजार किए बिना मनमाने ढंग से उन्हें कैबिनेट में वापस लाने का फैसला किया है.”