देश की खबरें | न्यायालय का दिल्ली के पूर्व मंत्री जितेन्द्र सिंह तोमर का निर्वाचन रद्द करने के खिलाफ अपील पर नोटिस
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 21 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेन्द्र सिंह तोमर का 2015 के विधानसभा चुनाव में निर्वाचन रद्द करने के उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर मंगलवार को नोटिस जारी किया।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने त्रिनगर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिये दाखिल नामांकन पत्र में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत जानकारी देने के आधार पर तोमर का निर्वाचन अमान्य घोषित कर दिया था।

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प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से तोमर की याचिका पर सुनवाई की और निर्वाचन अधिकारी, इस सीट से तोमर के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों तथा अन्य को नोटिस जारी किये।

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘नोटिस जारी किया जाये।’’

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उच्च न्यायालय ने इस साल 17 जनवरी को अपने फैसले मे 2015 में त्रिनगर सीट से विधानसभा के लिये तोमर के निर्वाचन को अमान्य घोषित कर दिया था।

अदालत ने कहा था कि आम आदमी पार्टी के नेता ने अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत जानकारी दी कि उसने एलएलबी की वैध डिग्री प्राप्त की थी।

तोमर ने अधिवक्ता कुश शर्मा के माध्यम से दायर अपील में अदालत का फैसला निरस्त करने का अनुरोध किया है।

तोमर ने अपील में कहा है कि अदालत ने यह निष्कर्ष निकाल कर गलती की है कि अपीलकर्ता ने वैध तरीके से अपनी वकालत की डिग्री हासिल नहीं की और वह नामांकन पत्र दाखिल करते समय वकील के रूप में सही तरीके से पंजीकृत नहीं था। अदालत ने कहा था कि तोमर का नामांकन पत्र अनुचित तरीके से स्वीकार किया गया था।

अपील में दावा किया गया है कि घोषणा करते समय तोमर के पास एलएलबी की वैध डिग्री थी जो 1999 में तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय ने उन्हें प्रदान की थी।

अपील में कहा गया है कि उच्च न्यायालय ने यह फैसला उस याचिका पर दिया था जिसमें तोमर की एलएलबी की नहीं, बल्कि स्नातक की डिग्री को चुनौती दी गयी और जो 16 जनवरी, 2015 को हलफनामे के साथ दाखिल फार्म का हिस्सा नहीं थी।

अनूप

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