देश की खबरें | मप्र निर्वाचन आयोग को आरक्षित सीटों को सामान्य वर्ग के रूप में फिर से अधिसूचित करने का न्यायालय का निर्देश

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश में स्थानीय निकाय में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव प्रक्रिया रोकने और उन सीटों को सामान्य वर्ग के लिए फिर से अधिसूचित करने का राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) को शुक्रवार को निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि उसने 15 दिसंबर को एक आदेश पारित किया था जिसमें राज्य निर्वाचन आयोग को महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय में उन सीटों को सामान्य श्रेणी के रूप में अधिसूचित करने का निर्देश दिया गया था जो ओबीसी के लिए आरक्षित थीं।

पीठ ने कहा कि मध्य प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनाव में भी वही सिद्धांत लागू होना चाहिए। पीठ ने मध्य प्रदेश से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए कहा, "तदनुसार, हम राज्य निर्वाचन आयोग को सभी स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग की सीटों के संबंध में चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने और उन सीटों को सामान्य वर्ग के लिए फिर से अधिसूचित करने का निर्देश देते हैं।"

मध्य प्रदेश में ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों पर स्थानीय निकाय चुनाव से संबंधित मामला संज्ञान में लाए जाने के बाद उच्चतम न्यायालय ने यह आदेश पारित किया।

पीठ ने संविधान पीठ के 2010 के फैसले का उल्लेख किया जिसमें राज्य के भीतर स्थानीय निकायों के लिए आवश्यक पिछड़ेपन की प्रकृति और निहितार्थ पर सख्ती से मौजूदा विचार करने के लिए एक विशेष आयोग की स्थापना सहित तीन स्थिति का उल्लेख किया गया था। ओबीसी श्रेणी के लिए ऐसा आरक्षण का प्रावधान करने से पहले इस निर्देश का पालन करने की जरूरत है।

पीठ ने कहा कि बाद में, तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने भी इसे दोहराया था।

पीठ ने सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा, "हम नहीं चाहते कि मध्य प्रदेश में कोई प्रयोग किया जाए। इसे संविधान पीठ के फैसले के अनुरूप होना चाहिए, जैसा तीन-न्यायाधीशों की पीठ द्वारा दोहराया भी गया था और हाल में महाराष्ट्र मामले से जुड़े आदेश में भी कहा गया था। उसके अनुसार इसे बनाइए।’’

पीठ ने कहा कि इस आवेदन में यह शिकायत की गयी है कि शीर्ष अदालत द्वारा 15 दिसंबर को दी गयी छूट के अनुसार आवेदकों ने मप्र उच्च न्यायालय में तत्काल राहत के लिए याचिका दायर की थी। पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय ने कहा कि चूंकि मूल मामला जनवरी के प्रथम सप्ताह में सूचीबद्ध है, इसलिए सारे मामले में उसी समय विचार किया जा सकता है।

पीठ ने टिप्पणी की कि स्थानीय निकाय के लिए ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने की आवश्यकता है क्योंकि यह संविधान पीठ के फैसले के अनुरूप नहीं है जिसे तीन न्यायाधीशों की पीठ ने भी दोहराया था।

पीठ ने निर्देश दिया कि मप्र में चुनाव के नतीजे उसी दिन एक साथ घोषित किये जायेंगे।

पीठ ने कहा कि मध्य प्रदेश से संबंधित मामला महाराष्ट्र के मामले के साथ ही सूचीबद्ध किया जायेगा।

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