नयी दिल्ली, 11 दिसंबर: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को आम आदमी पार्टी सांसद राघव चड्ढा के चार दिसंबर को राज्यसभा से अनिश्चितकालीन निलंबन को रद्द करने संबंधी घटनाक्रम पर गौर किया और इसे चुनौती देने वाली उनकी याचिका का निस्तारण कर दिया. राज्यसभा ने चार दिसंबर को पंजाब से उच्च सदन के सदस्य चड्ढा के निलंबन को समाप्त करने के लिए भाजपा सदस्य जी.वी.एल. नरसिम्हा राव द्वारा पेश प्रस्ताव को ध्वनि मत से अपनाया था.
राज्यसभा सदस्य को विशेषाधिकार समिति ने मीडिया के सामने “भ्रामक” तथ्य पेश करने का दोषी ठहराया था. उनका निलंबन वापस लेने के बाद उन्हें सदन की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दी गई थी. जैसे ही मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने चड्ढा की याचिका पर सुनवाई की, उनके वकील शादान फरासत ने कहा कि उनका निलंबन निरस्त कर दिया गया है.
पीठ में न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमू्र्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे. पीठ ने कहा, “बदले घटनाक्रम को देखते हुए याचिका निरर्थक हो गई है. याचिका निस्तारित की जाती है.” इससे पहले, शीर्ष अदालत ने एक दिसंबर को चड्ढा की याचिका पर सुनवाई तब टाल दी थी जब राज्यसभा सचिवालय की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि जल्द ही “कुछ रचनात्मक” होने की संभावना है. विधि अधिकारी ने पीठ से कहा था कि हो सकता है उसे याचिका पर आगे सुनवाई की जरूरत नहीं पड़े.
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