नयी दिल्ली, एक जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और धनशोधन के दो मामलों में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता की जमानत याचिकाएं सोमवार को खारिज कर दीं।
न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने कविता की याचिकाओं को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति शर्मा ने 28 मई को कविता की दो जमानत याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रख लिया था।
विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा है।
कविता ने निचली अदालत के छह मई के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के भ्रष्टाचार मामले के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के धनशोधन मामले में उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी गई थीं।
बीआरएस नेता के वकील ने दलील दी की कि मामले में आरोपी बनाए गए 50 लोगों में कविता एकमात्र महिला हैं और अदालत से उनके महिला होने के नाते जमानत देने की गुहार लगायी।
सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने दलील दी कि कविता प्रभावशाली महिला है और गवाहों को प्रभावित कर सकती हैं। कविता दोनों मामलों में न्यायिक हिरासत में है।
यह "घोटाला" दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और धनशोधन से संबंधित है, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था।
ईडी ने कविता (46) को 15 मार्च को हैदराबाद में बंजारा हिल्स स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने उन्हें तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था।
ईडी मामले में अपनी जमानत याचिका में, बीआरएस नेता एवं तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी ने कहा था कि उनका आबकारी नीति से "कोई लेना-देना नहीं" है और उनके खिलाफ "ईडी की सक्रिय मिलीभगत से केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी ने आपराधिक साजिश रची" है।
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