मुंबई: बॉम्बे हाइकोर्ट (Bombay High Court) ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) में प्रवेश के लिए इस महीने होने वाली जेईई मुख्य परीक्षा (JEE Main Exam) को टालने से मंगलवार को इनकार कर दिया. मुख्य न्यायाधीश एसवी गंगापुरवाला (SV Gangapurwala) और न्यायमूर्ति संदीप मार्ने (Sandeep Marne) की खंडपीठ ने कहा कि एक जनहित याचिका पर पूरे देश में परीक्षा स्थगित करना उचित नहीं होगा क्योंकि इससे लाखों छात्र प्रभावित होंगे.
बाल अधिकार कार्यकर्ता अनुभा सहाय ने जनहित याचिका दाखिल की है. उन्होंने संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेन्स (मुख्य परीक्षा) को मार्च तक स्थगित करने का अनुरोध किया है. याचिका में परीक्षा की तारीख 24 से 31 जनवरी, 2023 के बीच तय करने की राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की 15 दिसंबर की अधिसूचना को चुनौती दी गयी है. Sexual Harassment Case: दिल्ली HC का यौन उत्पीड़न पर सख्त रुख, कहा- 'शिकायतों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए'
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि बहुत कम समय के अंतराल पर परीक्षा की तारीख घोषित की गयी है. उन्होंने कहा कि परीक्षा की तारीख तीन से चार महीने पहले घोषित की जाती रही हैं जिससे छात्रों को तैयारियों के लिए उचित समय मिल जाता है. हालांकि, अदालत ने राहत देने से मना कर दिया.
उसने कहा, ‘‘अगर आज जनवरी में आयोजित होने वाली परीक्षाओं को स्थगित करने का कोई आदेश जारी किया जाता है तो भविष्य की परीक्षाओं पर भी असर पड़ेगा. परीक्षा पर रोक लगाने के लिए कोई असाधारण परिस्थिति नजर नहीं आ रही. लाखों छात्र परीक्षा देंगे.’’
एनटीए की ओर से पक्ष रख रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने जनहित याचिका का विरोध किया. उन्होंने कहा कि 2019 से जेईई की मुख्य परीक्षा जनवरी और अप्रैल में दो सत्रों में आयोजित की जा रही है. सिंह ने कहा कि अगर कोई छात्र जनवरी में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता तो अप्रैल में दोबारा प्रयास कर सकता है. उन्होंने कहा कि छात्र जनवरी में परीक्षा नहीं देता तो भी अप्रैल में परीक्षा देने पर कोई रोक नहीं है.
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