नयी दिल्ली, 19 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को उन कैदियों के लिए चिंता जताई जो अदालतों द्वारा राहत दिए जाने के बावजूद मुचलका राशि जमा नहीं कर पाने के कारण जमानत का लाभ नहीं उठा पाते।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति अगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने वह तरीका जानना चाहा जिससे ई-प्रिजन मॉड्यूल पर उपलब्ध सूचना का इस्तेमाल ऐसे मामलों का पता लगाने में किया जा सकता है।
ई-प्रिजन एक समग्र जेल प्रबंधन प्रणाली है।
पीठ ने 2021 के ‘जमानत देने के लिए नीति रणनीति’ विषयक स्वत: संज्ञान वाले मामले में सुनवाई करते हुए कहा, ‘‘क्या हमने ऐसे लोगों को जमानत नहीं मिल पाने के मुद्दे पर विचार किया है जो मुचलका राशि जमा नहीं कर पाते।’’
पीठ ने इस मामले से संबंधित पक्षों के वकीलों से कहा कि इसका ई-प्रिजन मॉड्यूल से संबंध है।
मामले में सुनवाई अगले सप्ताह जारी रहेगी।
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