अहमदाबाद, 16 सितंबर गुजरात उच्च न्यायालय ने पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की वह याचिका बुधवार को स्वीकार कर ली, जिसमें बनासकांठा जिले की पालनपुर अदालत को 1996 के नशीले पदार्थ रखने संबंधी मामले में याचिकाओं की डिजिटल सुनवाई नहीं करने का आदेश देने का अनुरोध किया गया है।
पालनपुर अदालत के समक्ष लंबित आवेदन राजस्थान के एक वकील को कथित रूप से फंसाने के लिए नशीले पदार्थ रखने संबंधी मामले से जुड़ी हैं। सीआईडी ने भट्ट को सितंबर 2018 में इस मामले में गिरफ्तार किया था।
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भट्ट हिरासत में मौत संबंधी एक अलग मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे हैं।
भट्ट के वकील सौरीन शाह ने बताया कि न्यायमूर्ति विपुल पंचोली ने पूर्व आईपीएस अधिकारी की याचिका स्वीकार कर ली।
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शाह ने बताया कि उन्होंने अनुरोध किया था कि नशीले पदार्थ रखने के संबंध में पालनपुर अदालत में लंबित करीब तीन-चार याचिकाओं की डिजिटल सुनवाई नहीं की जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी याचिका स्वीकार कर ली गई है। अदालत ने हमारा अनुरोध स्वीकार कर लिया है।’’
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण अदालतें डिजिटल माध्यम से मामलों की सुनवाई कर रही हैं।
पालनपुर अदालत ने भट्ट की याचिका अस्वीकार कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
भट्ट को नशीले पदार्थ रखकर राजस्थान के एक वकील को फंसाने के 1996 के मामले में पिछले साल पांच सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। घटना के समय भट्ट बनासकांठा जिले के पुलिस अधीक्षक थे।
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