देश की खबरें | पोशाक की प्रथा को लेकर हुए विवाद से हिंदू एकता प्रभावित नहीं होनी चाहिए: एसएनडीपी योगम

तिरुवनंतपुरम, तीन जनवरी श्री नारायण धर्म परिपालन (एसएनडीपी) योगम के महासचिव वेल्लप्पल्ली नटेसन ने शुक्रवार को कहा कि मंदिर में प्रवेश करने से पहले पुरुष श्रद्धालुओं द्वारा कमर से ऊपर के वस्त्र उतारने की प्रथा को लेकर हुए विवाद से हिंदुओं की एकता प्रभावित नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘हिंदुओं में कई वर्ग हैं जो विभिन्न रीति-रिवाजों और प्रथाओं का पालन करते हैं। ऐसे मुद्दों से उनके बीच विभाजन नहीं होना चाहिए।’’

शिवगिरि मठ के प्रमुख स्वामी सच्चिदानंद ने केरल के मंदिरों में प्रवेश करने से पहले पुरुष श्रद्धालुओं को कमर से ऊपर के वस्त्र उतारने की आवश्यकता संबंधी लंबे समय से जारी प्रथा को समाप्त करने की बात कही थी।

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने स्वामी के रुख का स्वागत किया था और कहा था कि बदलते समय के अनुसार ऐसी प्रथाओं से बचा जा सकता है।

नायर सर्विस सोसाइटी (एनएसएस) के महासचिव जी सुकुमारन नायर ने इस संबंध में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि सरकार को मंदिरों के रीति-रिवाजों और प्रथाओं में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

नटेसन ने कहा कि स्वामी सच्चिदानंद के बयान में कुछ भी नया नहीं है। एसएनडीपी के तहत कई मंदिर पुरुष श्रद्धालुओं को ऊपरी वस्त्र पहनकर मंदिर में प्रवेश की अनुमति दे रहे हैं।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कुछ मंदिरों में अलग-अलग प्रथाएं हो सकती हैं, लेकिन इसे एक दिन में समाप्त नहीं किया जा सकता।’’

इस बीच, केरल योगक्षेम सभा के अध्यक्ष अक्कीरामन कालिदासन भट्टाथिरिपाद ने एनएसएस के रुख का स्वागत किया और कहा कि मंदिरों में रीति-रिवाजों और प्रथाओं का निर्णय तंत्रियों (मुख्य पुजारियों) और उनसे जुड़े अन्य लोगों द्वारा किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘मंदिरों में ऊपरी वस्त्र उतारकर प्रवेश करने की परंपरा पर मुख्यमंत्री की टिप्पणी अनुचित थी। यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है और न ही सरकार द्वारा इस पर निर्णय लिया जाना चाहिए।’’

त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के अध्यक्ष पी एस प्रशांत ने कहा कि इस बात पर सार्थक चर्चा होनी चाहिए कि क्या विभिन्न मंदिरों में अपनाई जा रही परंपराओं में समय रहते बदलाव की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘सभी वर्गों के साथ चर्चा किए बिना हम किसी निर्णय पर नहीं पहुंच सकते।’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)