नयी दिल्ली, सात जनवरी आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने राजनीतिक प्रतिशोध में आवंटन रद्द करके दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी का आधिकारिक आवास छीन लिया।
आतिशी ने दिल्ली सरकार के कामकाज में बाधा डालने के कथित प्रयासों के बावजूद दिल्ली के लिए अपना काम जारी रखने का संकल्प जताया। मुख्यमंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनसे ‘राजमहल’ छोड़कर 131, नॉर्थ एवेन्यू (आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह का आवास) में रहने के लिए कहूंगी। क्या प्रधानमंत्री इस आवास में आकर रहेंगे?’’
आतिशी ने कहा, ‘‘भाजपा ने मुझे तीन महीने पहले मुख्यमंत्री आवास से बाहर निकाल दिया था। लेकिन मैं बिना रुके दिल्ली के लोगों के लिए काम करती रही।’’
उन्होंने जन कल्याण के लिए प्रतिबद्ध रहने का संकल्प जताते हुए कहा, ‘‘मैं महिलाओं को 2,100 रुपये, बुजुर्गों को मुफ्त इलाज और पुजारियों और ग्रंथियों को 18,000 रुपये मानदेय देने की शपथ लेती हूं। मैं दिल्लीवासियों के घरों में जाकर रहूंगी लेकिन लोगों का काम नहीं रुकने दूंगी।’’
संवाददाता सम्मेलन में मौजूद संजय सिंह ने भाजपा के इस दावे को चुनौती दी कि मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास एक ‘शीश महल’ है, जिसमें मिनी बार, सोने का शौचालय और स्विमिंग पूल जैसी ‘‘खास सुख-सुविधाएं’’ हैं।
सिंह ने कहा, ‘‘मैं भाजपा सदस्यों को चुनौती देता हूं कि वे कल दिन में 11 बजे मीडिया के साथ मुख्यमंत्री आवास पर आएं और दिखाएं कि सोने का शौचालय और स्विमिंग पूल कहां है।’’ उन्होंने भाजपा पर आप नेताओं को बदनाम करने और जेल में डालने के उद्देश्य से झूठा प्रचार अभियान चलाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली और पूरे देश के लोगों को सच जानने का हक है।’’ सिंह ने ‘‘भाजपा के भ्रामक दावों’’ को उजागर करने के लिए मीडिया को मुख्यमंत्री के आवास का निरीक्षण करने के लिए आमंत्रित किया।
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने इस मामले के संबंध में छह जनवरी को जारी अपने दो आधिकारिक पत्रों में आवंटन वापस लेने के कारणों को स्पष्ट किया तथा दिल्ली की मुख्यमंत्री को दो अन्य बंगलों का प्रस्ताव भी दिया।
विभाग के अनुसार, आतिशी निर्धारित समय-सीमा के भीतर परिसर का कब्ज़ा लेने में विफल रहीं। पीडब्ल्यूडी के पत्र में कहा गया है, ‘‘आवंटी कई अनुरोधों/पत्राचार के बावजूद और बंगले के लिए (रहने के लिए परिसर के सुरक्षित होने संबंधी) प्रमाणपत्र जारी करने के बाद भी 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित बंगले का भौतिक कब्ज़ा लेने में विफल रहीं। इस मामले में, तीन महीने बाद भी कब्जा नहीं लिया गया।’’
पीडब्ल्यूडी ने इस बात पर भी जोर दिया कि यह बंगला, इसकी मरम्मत में अनियमितताओं के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में है, तथा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने भी इसकी पुष्टि की है।
पत्र के अनुसार, आवंटन की शर्तों में से एक यह थी कि जांच में मुख्यमंत्री को सहयोग करना था। पीडब्ल्यूडी ने आरोप लगाया कि कब्जे में देरी के कारण जांच में बाधा उत्पन्न हुई। पत्र में स्पष्ट किया गया कि यह बेदखली नहीं थी और मुख्यमंत्री को वैकल्पिक आवास की पेशकश की गई थी।
पीडब्ल्यूडी ने लिखा, ‘‘मुख्यमंत्री आतिशी को पहले से ही 17 एबी मथुरा रोड पर एक आधिकारिक आवास आवंटित है, जो उनके लिए उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त, उन्हें अब आधिकारिक उपयोग के लिए दो अन्य बंगले भी देने की पेशकश की गई है।’’
पत्र में कहा गया, ‘‘पीडब्ल्यूडी द्वारा दो बंगलों 8 राज निवास लेन, सिविल लाइंस, नयी दिल्ली में बंगला नंबर 2 और अंसारी रोड, दरियागंज, नयी दिल्ली में बंगला नंबर 115 की पेशकश करने का प्रस्ताव है, जिसमें से एक का चयन किया जाएगा। इसके लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री को एक अलग प्रस्ताव पत्र जारी किया जाएगा।’’
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘तीन महीने के भीतर ही भाजपा ने फिर मुख्यमंत्री आतिशी को मुख्यमंत्री आवास से निकाल दिया। ये लोग आतिशी को गाली देकर और उन्हें घर से बाहर निकालकर अपनी बौखलाहट दिखा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि ‘‘भाजपा दिल्ली चुनाव बुरी तरह हार रही है, इसलिए ये लोग इस तरह की गंदी राजनीति पर उतर आए हैं।’’
मुख्यमंत्री आवास की मरम्मत में कथित अनियमितताओं का विवाद दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले गहरा गया है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने कोविड-19 महामारी के दौरान ‘शीश महल’ पर सार्वजनिक धन के कथित दुरुपयोग के लिए आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है।
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