गुवाहाटी, 29 दिसंबर : असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को कांग्रेस पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर विवाद पैदा करने का प्रयास करने का आरोप लगाया, जबकि केंद्र ने उनकी विरासत के सम्मान में एक “उपयुक्त स्मारक” बनाने की घोषणा की है. शर्मा ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि कांग्रेस ने “इस तरह की उपेक्षा दिखाई है - फिर चाहे वह नरसिंह राव की विरासत के प्रति हो या प्रणब मुखर्जी की, पार्टी ने दुर्भाग्य से अपने ही लोगों के प्रति उदासीनता बरती है”.
मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कांग्रेस ने केंद्र पर आरोप लगाया है कि उसने देश के पहले सिख प्रधानमंत्री सिंह का अपमान किया है. उनका अंतिम संस्कार किसी निर्धारित स्थान पर करने के बजाय निगमबोध घाट पर किया गया, जिसे उनका स्मारक बनाया जा सकता था. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार ने निगमबोध घाट पर सिंह का अंतिम संस्कार करके उनका “पूरी तरह अपमान” किया है. यह भी पढ़ें : ओडिशा के बालासोर जिले में शौक के लिए पिता ने बेटे को 60 हजार रुपये में बेचकर खरीदी बाइक! गिरफ्तार होने पर बोला बेचा नहीं दान किया
भाजपा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटित करने का फैसला किया है और उनके परिवार को भी इसकी जानकारी दी है. भाजपा ने कांग्रेस पर पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार को लेकर “सस्ती राजनीति” करने का आरोप लगाया. शर्मा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “अद्वितीय गरिमा और बुद्धि के धनी राजनेता डॉ. मनमोहन सिंह जीवन और मृत्यु दोनों में इससे बेहतर के हकदार थे. यह देखना बेहद निराशाजनक है कि कांग्रेस पार्टी उनकी अंतिम यात्रा को लेकर विवाद खड़ा करने की कोशिश कर रही है, जिससे उनकी अंतिम यात्रा की गरिमा कम हो रही है.”
शर्मा ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने पहले ही उनकी विरासत का सम्मान करने के लिए एक उपयुक्त स्मारक की घोषणा की है, जो राष्ट्र की कृतज्ञता को दर्शाता है. फिर भी, कुछ लोगों की हरकतें, जो शोक के इस क्षण को राजनीतिक लाभ के अवसर में बदलना चाहते हैं, बेहद दर्दनाक हैं.”
उन्होंने कहा, “जनता को अब भी याद है कि डॉ. सिंह के कार्यकाल के दौरान उन पर क्या-क्या अत्याचार किए गए, जिनमें राहुल गांधी के वे अनुचित भाव-भंगिमाएं भी शामिल हैं, जिनसे उनकी छवि को ठेस पहुंची. ऐसी हरकतें देश की स्मृति में अंकित हैं.” भाजपा में शामिल होने से पहले कांग्रेस में रहे शर्मा ने कहा कि निधन के बाद सिंह की “विरासत को राजनीतिक अवसरवाद से कलंकित नहीं किया जाना चाहिए”. मुख्यमंत्री ने कहा, “आइए हम उनकी स्मृति को उस गरिमा और सम्मान के साथ सम्मानित करें जिसके वे हकदार हैं, कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व द्वारा किसी भी मतभेद या छेड़छाड़ से मुक्त.”













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