सीमा शुल्क के आंकड़ों से मिली जानकारी के अनुसार, अप्रैल में निर्यात सालाना आधार पर 1.5 प्रतिशत बढ़ा। मार्च में इसमें 7.5 प्रतिशत की गिरावट आई थी जो नवंबर के बाद पहली गिरावट थी। अप्रैल में आयात में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो विश्लेषकों की उम्मीदों से अधिक है और मार्च में 1.9 प्रतिशत की गिरावट से ऊपर है।
विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन ने वृद्धि को बढ़ावा देने तथा विश्वास बढ़ाने के लिए हाल के महीनों में विभिन्न नीतिगत समर्थन उपाय पेश किए हैं।
चीन का व्यापार अधिशेष मार्च के 58.55 अरब डॉलर से बढ़कर अप्रैल में 72.35 अरब डॉलर हो गया।
कैपिटल इकोनॉमिक्स की जिचुन हुआंग ने एक नोट में कहा, ‘‘ हमारा अनुमान है कि उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में उपभोक्ता खर्च में कमी और कम निर्यात कीमतों से मिलने वाले लाभ में कमी के कारण आने वाले महीनों में निर्यात की मात्रा कम होगी।’’
चीन को कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद से वापसी करने में संघर्ष करना पड़ा है। उसे फेडरल रिज़र्व और अन्य केंद्रीय बैंकों के मुद्रास्फीति से निपटने के लिए ब्याज दरें बढ़ाने के बाद वैश्विक स्तर पर कमजोर मांग से जूझना पड़ा है। चीन के संपत्ति क्षेत्र में मंदी भी वृद्धि पर असर डाल रही है।
नीति निर्माताओं ने चीन की अर्थव्यवस्था को बल देने के लिए कई राजकोषीय और मौद्रिक नीति उपाय किए हैं।
चीन ने 2024 के लिए पांच प्रतिशत का महत्वाकांक्षी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि लक्ष्य रखा है।
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