वाशिंगटन/न्यूयॉर्क, 17 जून. एशियाई मामलों पर एक पूर्व शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने भारत एवं चीन की सीमा पर तनाव बढ़ने के मद्देनजर कहा है कि चीन ऐसे समय में अपने पड़ोसियों को उकसा रहा है और उन पर ‘‘प्रहार कर रहा है’’, जब हर कोई यह अपेक्षा करता है कि चीन टकराव से बचकर देश की अर्थव्यस्था पर ध्यान केंद्रित करेगा.
‘एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट’ के उपाध्यक्ष डेनियल रसेल ने कहा, ‘‘चीन ऐसे समय में पड़ोसियों को उकसा रहा है और उन पर प्रहार कर रहा है, जब आप सोचते हैं कि बीजिंग टकराव कम करना चाहेगा और घरेलू अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसके बजाए, (चीन के राष्ट्रपति) शी चिनफिंग चीनी राष्ट्रवाद को लेकर सोची समझी अपील कर रहे हैं और यह गणना करते प्रतीत हो रहे हैं कि चीन इन कदमों के परिणामों से निपट सकता है।’’रसेल पूर्वी एशियाई एवं प्रशांत मामलों के लिए विदेश मंत्रालय के सहायक सचिव के रूप में सेवाएं दे चुके हैं. चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बीच 2020 की पहली तिमाही में चीन के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 6.8 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह देश में 1976 की सांस्कृतिक क्रांति के बाद से जीडीपी में सर्वाधिक गिरावट है. यह भी पढ़े | India-China Violent Face-Off in Ladakh: भारत और चीन के बीच हालात पर करीब से नजर रख रहे हैं: अमेरिका.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हिंसा और मौत की खबरों पर चिंता जताई और दोनों पक्षों से “अधिकतम संयम” बरतने का आग्रह किया. संयुक्त राष्ट्र महासचिव की सहायक प्रवक्ता एरी कनेको ने दैनिक प्रेस वार्ता के दौरान मंगलवार को इसकी जानकारी दी.
कनेको ने कहा, “भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हिंसा और मौत की खबरों पर हम चिंता प्रकट करते हैं और दोनों पक्षों से अधिकतम संयम बरतने का आग्रह करते हैं.”.पूर्वी लद्दाख में सोमवार रात गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए.
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