China (Photo Credits: Pixabay)
नयी दिल्ली, 18 मई: चीन पूर्वी लद्दाख में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पैंगोंग झील के आसपास के अपने कब्जे वाले क्षेत्र में एक दूसरे पुल का निर्माण कर रहा है और यह चीनी सेना के लिए इस क्षेत्र में अपने सैनिकों को जल्दी से पहुंचाने में मददगार हो सकता है. उपग्रह की तस्वीरों और इस घटनाक्रम से परिचित लोगों ने यह जानकारी दी. पाक-चीन को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब: भारत जून तक तैनात करेगा अपना अभेद्य महाकवच S-400 मिसाइल प्रणाली, US ने किया दावा.
दो साल से अधिक समय से पूर्वी लद्दाख में कई तनाव वाले बिंदुओं पर भारतीय और चीनी सेनाओं में जारी गतिरोध के बीच पुल का निर्माण किया जा रहा है. इस नए निर्माण को लेकर भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया या टिप्पणी नहीं आई है.
अगस्त 2020 में चीनी सैनिकों ने क्षेत्र में भारतीय सैनिकों को धमकाने की कोशिश की थी जिस पर जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय पक्ष द्वारा पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर कई रणनीतिक चोटियों पर कब्जा कर लिया गया. इसके बाद से चीन अपने सैन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
भारत भी सैन्य तैयारियों को बढ़ाने के समग्र प्रयासों के तहत सीमावर्ती क्षेत्रों में पुलों, सड़कों और सुरंगों का निर्माण कर रहा है. पता चला है कि चीन ने हाल ही में इलाके में पहले पुल का निर्माण कार्य पूरा किया है.
उपरोक्त उद्धृत लोगों ने कहा कि नया पुल वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से 20 किलोमीटर से अधिक दूर क्षेत्र में बनाया जा रहा है. एलएसी पर चीनी गतिविधियों पर नजर रखने वाले एक भू-स्थानिक खुफिया शोधकर्ता डेमियन साइमन ने ट्विटर पर नए निर्माण की उपग्रह से ली गईं तस्वीरें पोस्ट कीं.
साइमन ने ट्विटर पर कहा कि पहले पुल के समानांतर एक “बड़ा पुल” तैयार किया जा रहा है, इस निर्माण का संभावित लक्ष्य झील के ऊपर (सेना की) “बड़ी/भारी आवाजाही” में मदद करना है.
साइमन द्वारा पोस्ट की गई उपग्रह तस्वीरों में यह दिखाया गया है कि पुल एक साथ दोनों तरफ से बनाया जा रहा है.
पुल से अंदरुनी रुडोक इलाके से पैंगोंग झील में एलएसी के आसपास के इलाकों में पहुंचने के समय में महत्वपूर्ण रूप से कमी आने की उम्मीद है. पूर्वी लद्दाख में गतिरोध चार-पांच मई 2020 को शुरू हुआ था. भारत लगातार गतिरोध से पहले की यथास्थिति बहाल करने पर जोर देता रहा है.
पूर्वी लद्दाख के गतिरोध को दूर करने के लिये भारत और चीन के बीच अब तक 15 दौर की सैन्य बातचीत हो चुकी है. वार्ता के फलस्वरूप दोनों पक्षों ने पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तटों तथा गोगरा इलाके से सैनिकों को पीछे बुलाने का काम पूरा किया था.
भारत लगातार इस बात पर कायम रहा है कि एलएसी पर शांति और अमन द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है. वर्तमान में संवेदनशील क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों पक्षों के लगभग 50,000 से 60,000 सैनिक हैं.
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