मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की सबसे बड़ी जीत
सीएम पुष्कर सिंह धामी (Photo: ANI)

देहरादून, 3 जून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने चंपावत उपचुनाव में रिकॉर्ड जीत दर्ज करते हुए अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस की निर्मला गहतोड़ी को 55,025 मतों के अंतर से जोरदार पटखनी दी. चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, कुल पडे़ 62,306 मतों में से मुख्यमंत्री को कुल 58,258 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़े कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गयी. वर्ष 2000 में गठित उत्तराखंड के चुनावी इतिहास की यह सबसे बड़ी जीत है जहां एकतरफा मुकाबले में कुल पडे़ मतों में से करीब 94 प्रतिशत वोट जीतने वाले प्रत्याशी को मिले हैं.

इससे पहले, 2012 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री रहे विजय बहुगुणा ने सितारगंज विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी दिवंगत प्रकाश पंत को करीब 40 हजार मतों से पटखनी दी थी. विधानसभा चुनाव में सबसे बडी जीत भाजपा के उमेश शर्मा काउ के नाम दर्ज है जिन्होंने 2017 में अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के प्रभुलाल को 36,771 मतों से हराया था.

चंपावत उपचुनाव में गहतोड़ी को 3,147 मत, समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी मनोज कुमार को 409 और निर्दलीय उम्मीदवार हिमांशु गरकोटी को 399 वोट मिले. कुल 372 मतदाताओं ने नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) का बटन दबाया. उपचुनाव के लिए मतदान 31 मई को हुआ था. यह भी पढ़ें : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की सबसे बड़ी जीत

धामी ने जीत के लिए चंपावत की जनता और प्रधानमंत्री नरेंद्र के लिए धन्यवाद दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘‘ प्रिय चंपावतवासियों, चंपावत उपचुनाव में आपके द्वारा वोटों के माध्यम से बरसाए गए प्रेम व आशीर्वाद से मन अत्यंत भावुक हैं, निशब्द हूं.'’ जीत की घोषणा के बाद धामी चंपावत पहुंचे जहां जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी ने उन्हें विधायक निर्वाचित होने का प्रमाणपत्र सौंपा. इस दौरान कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने उनके वाहन पर पुष्पवर्षा की तथा उन्हें मालाओं से लाद दिया.धामी की जीत की खुशी में भाजपा प्रदेश मुख्यालय में भी पार्टी कार्यकर्ता ढोलों की थाप पर जमकर नाचे और मिठाइयां बांटीं. इस मौके पर आतिशबाजी भी की गयी.

उत्तराखंड में 23 मार्च को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले धामी के लिए छह माह के भीतर विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना जरूरी था जिसके लिए चंपावत उपचुनाव हुआ. हाल में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 70 में से 47 सीटें जीतकर प्रदेश में लगातार दूसरी बार सत्ता में आने का इतिहास रचा, लेकिन जीत की अगुवाई करने वाले धामी स्वयं खटीमा से हार गए थे. धामी के उपचुनाव लड़ने का रास्ता साफ करने के लिए कैलाश गहतोड़ी ने 21 अप्रैल को अपनी विधानसभा सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था.