बीजापुर, आठ जनवरी छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले की एक अदालत ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर की कथित हत्या के मामले में गिरफ्तार चार आरोपियों को बुधवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
निर्माण ठेकेदार सुरेश चंद्राकर, उसके भाई रितेश और दिनेश चंद्राकर तथा महेंद्र रामटेके को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया।
स्वतंत्र टीवी पत्रकार एवं यूट्यूबर मुकेश चंद्राकर (33) एक जनवरी को लापता हो गए थे। उनका शव तीन जनवरी को बीजापुर शहर में सुरेश चंद्राकर की संपत्ति परिसर के सेप्टिक टैंक में पाया गया था।
मुख्य आरोपी सुरेश मृत पत्रकार मुकेश का रिश्तेदार है। मामले की तफ्तीश के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने उसे पांच जनवरी को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था।
एसआईटी अभी तक मृतक का मोबाइल फोन बरामद नहीं कर पाई है।
विशेष जांच दल में शामिल एक अधिकारी ने कहा, "आरोपियों के मुताबिक, उन्होंने मुकेश का मोबाइल फोन तुमनार नदी में फेंक दिया था। फोन की तलाश के लिए गोताखोरों को लगाया गया, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है। हम उस सेप्टिक टैंक से जुड़े नाले में भी तलाश कर रहे हैं, जिसमें मुकेश का शव मिला था।"
अधिकारी ने बताया, "अब तक हमने 200 से अधिक कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) और सीसीटीवी फुटेज खंगाले हैं। हम एक मजबूत आरोप पत्र दायर करना चाहते हैं।"
मुकेश एनडीटीवी समाचार चैनल के लिए स्वतंत्र पत्रकार के रूप में काम करते थे और अपना खुद का यूट्यूब चैनल 'बस्तर जंक्शन' भी चलाते थे। उन्होंने अप्रैल 2021 में बीजापुर में ताकलगुडा नक्सली हमले के बाद राज्य पुलिस की कोबरा इकाई के कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास को नक्सलियों की कैद से छुड़ाने में अहम भूमिका निभाई थी। इस हमले में 22 सुरक्षा कर्मी मारे गए थे।
कहा जा रहा है कि मुकेश की एक समाचार रिपोर्ट, जिसमें सुरेश चंद्राकर से जुड़े सड़क निर्माण कार्य में कथित भ्रष्टाचार को उजागर किया गया था, उनकी हत्या का एक संभावित कारण हो सकती है। यह रिपोर्ट 25 दिसंबर को एनडीटीवी पर प्रसारित की गई थी।
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