देश की खबरें | केमिस्ट हत्या मामला: पुलिस ‘षडयंत्रकर्ता’ के एनजीओ के बैंक खातों की जांच कर रही

अमरावती (महाराष्ट्र), तीन जुलाई महाराष्ट्र में एक केमिस्ट की हत्या मामले का कथित षडयंत्रकर्ता इरफान खान एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) का निदेशक है और पुलिस एनजीओ के बैंक खातों की जांच कर रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि राजस्थान के उदयपुर शहर में दर्जी कन्हैयालाल और अमरावती में केमिस्ट उमेश कोल्हे (54) की हत्याओं के बीच समानताएं हैं, क्योंकि उन दोनों ने भारतीय जनता पार्टी की पूर्व पदाधिकारी नुपुर शर्मा का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर संदेश डाले थे।

पैगंबर मोहम्मद के बारे में टिप्पणी करने को लेकर भाजपा ने शर्मा को निलंबित कर दिया था।

इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा था कि अमरावती मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वषेण अभिकरण (एनआईए) को सौंप दी गई है।

एनआईए दर्जी कन्हैयालाल की हत्या की भी जांच कर रही है।

महाराष्ट्र के अमरावती शहर के रहने वाले खान (35) को कोल्हे की हत्या के सिलसिले में शनिवार को नागपुर से गिरफ्तार किया गया था।

अधिकारी ने कहा कि आरोपी एक स्वयंसेवी संस्था ‘रहबर’ का निदेशक है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने अब उसके बैंक खातों की जांच शुरू कर दी है।

इससे पहले पुलिस ने छह अन्य लोगों मुदस्सर अहमद उर्फ सोनू रजा शेख इब्राहिम (22), शाहरुख पठान उर्फ बादशाह हिदायत खान (25), अब्दुल तौफीक उर्फ नानू शेख तस्लीम (24), शोएब खान उर्फ भूर्या साबिर खान (22) ,आतिब रशीद आदिल रशीद (22) और डॉ यूसुफ खान बहादुर खान (44) को कोल्हे की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया था।

शहर कोतवाली पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि इनमें से चार आरोपी इरफान खान के दोस्त थे और उनके एनजीओ के लिए काम करते थे।

इरफान पर कोल्हे की हत्या की साजिश रचने, अन्य आरोपियों को विशेष कार्य आवंटित करने और उन्हें वाहन और धनराशि उपलब्ध कराने का आरोप है।

अधिकारी ने कहा कि यूसुफ खान एक पशु चिकित्सक हैं और कोल्हे की पशुओं की दवा दुकान थी। उन्होंने कहा कि दोनों के बीच कारोबारी संबंध थे।

कोल्हे ने एक सोशल मीडिया मंच पर पशु चिकित्सकों का एक समूह (ग्रुप) बनाया था, जिसमें यूसुफ खान भी सदस्य था।

अधिकारी ने कहा, ‘‘कोल्हे ने एक सोशल मीडिया ग्रुप में संदेश डाले थे , जिसका यूसुफ खान भी एक सदस्य था।’’

अधिकारी ने बताया कि समझा जाता है कि सोशल मीडिया ग्रुप पर नुपुर शर्मा का समर्थन करने वाले उसके पोस्ट ने गुस्सा भड़काया, जिसके बाद यूसुफ खान ने अपराध के लिए कथित तौर पर अन्य लोगों को उकसाया।

पुलिस जांच में पता चला है कि यूसुफ खान के कोल्हे के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध थे और यहां तक कि उनके अंतिम संस्कार में भी शामिल हुआ था।

पुलिस ने तकनीकी जानकारी के आधार पर शुक्रवार रात युसूफ खान को गिरफ्तार कर लिया।

इस बीच, कोल्हे के भाई महेश ने मांग की कि मामले की सुनवाई त्वरित अदालत में की जाए।

महेश ने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘हमें उम्मीद नहीं थी कि सिर्फ एक समूह से दूसरे समूह में व्हाट्सएप संदेश भेजने से उमेश की हत्या हो जाएगी। अब जब एनआईए इस मामले की जांच कर रही है तो हमें न्याय की उम्मीद है।’’

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