नेतन्याहू के कार्यालय ने हमास पर अधिक रियायतें हासिल करने के लिए समझौते की कुछ शर्तों से मुकरने का आरोप लगाया। उसने स्पष्ट किया कि नेतन्याहू सरकार संघर्ष-विराम समझौते पर मुहर लगाने के लिए तब तक बैठक नहीं करेगी, जब तक हमास अपना अड़ियल रुख नहीं छोड़ता।
वहीं, हमास के एक वरिष्ठ पदाधिकारी इज्जत अल-रश्क ने कहा कि आतंकवादी समूह “मध्यस्थों द्वारा घोषित संघर्ष-विराम समझौते के लिए प्रतिबद्ध है।” अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन और एक प्रमुख मध्यस्थ कतर ने बुधवार को इजराइल और हमास के बीच संघर्ष-विराम समझौते की घोषणा की थी, जिसकी शर्तों में हमास की ओर से इजराइली बंधकों की चरणबद्ध रिहाई, इजराइल में कैद सैकड़ों फलस्तीनी कैदियों की आजादी, गाजा के हजारों विस्थापितों को वापस लौटने की अनुमति देना और क्षेत्र में जरूरी मानवीय सहायता की आपूर्ति सुनिश्चित करना शामिल है।
नेतन्याहू के कार्यालय ने आरोप लगाया कि हमास पूर्व में बनी एक सहमति से मुकर गया है, जो इजराइल को यह तय करने का अधिकार देती कि हत्या के जुर्म में सजायाफ्ता किन फलस्तीनी कैदियों को इजराइली बंधकों के बदले में रिहा किया जाएगा।
नेतन्याहू इजराइली बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए घरेलू स्तर पर व्यापक दबाव का सामना कर रहे हैं, लेकिन उनके नेतृत्व वाले धुर दक्षिणपंथी गठबंधन के सहयोगियों ने हमास को ज्यादा रियायतें देने की सूरत में उनकी सरकार गिराने की धमकी दी है।
इस बीच, गाजा पट्टी में इजराइल के हवाई हमले बृहस्पतिवार को भी जारी रहे। युद्धग्रस्त क्षेत्र के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बुधवार को गाजा पट्टी पर इजरायली हमलों में कम से कम 48 लोग मारे गए, जिनमें कई महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
हमास ने सात अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हमला कर दिया था, जिसमें 1,200 लोग मारे गए थे और 250 अन्य को बंधक बना लिया गया था।
इसके बाद इजराइल ने जवाबी हमले किए, जिसमें फलस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार 46,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए, गाजा की अनुमानित 90 फीसदी आबादी विस्थापित हो गई और क्षेत्र में गंभीर मानवीय संकट पैदा हो गया।
नवंबर 2023 में एक हफ्ते के संघर्ष-विराम के दौरान गाजा से 100 से अधिक बंधकों को रिहा किया गया था।
बुधवार को घोषित समझौते के तहत, इजराइल की ओर से अगले छह हफ्तों में सैकड़ों फलस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले हमास 33 इजराइली बंधकों को रिहा करेगा।
समझौते के मुताबिक, इजराइली सेनाएं कई क्षेत्रों से पीछे हट जाएंगी, विस्थापित लोगों को अपने घरों में लौटने की इजाजत होगी और मानवीय सहायता बढ़ाई जाएगी।
मध्यस्थों के अनुसार, बाकी बंधकों की रिहाई दूसरे और कहीं अधिक कठिन चरण में होनी है, जिस पर पहले चरण के दौरान बातचीत की जाएगी।
एपी पारुल माधव
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