नयी दिल्ली, 19 नवंबर केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) सभी हीरों की स्पष्ट लेबलिंग और प्रमाणन सुनिश्चित करने और व्यापार में भ्रामक शब्दों के उपयोग को प्रतिबंधित करने के लिए हीरा क्षेत्र पर जल्द ही दिशानिर्देश जारी करेगा।
मंगलवार को एक सरकारी बयान में कहा गया कि सीसीपीए ने हीरा क्षेत्र में उपभोक्ता संरक्षण पर अंशधारक परामर्श का आयोजन किया, ताकि हीरों के लिए उपयुक्त शब्दावली के उपयोग पर विचार-विमर्श किया जा सके।
सीसीपीए की मुख्य आयुक्त निधि खरे की अध्यक्षता में आयोजित परामर्श में उद्योग के प्रमुख अंशधारक और विशेषज्ञ एक साथ आए।
बयान में कहा गया, ‘‘सीसीपीए जल्द ही हीरा उद्योग में पारदर्शिता, जवाबदेही और उपभोक्ता संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत ढांचा जारी करेगा।’’
बैठक में हीरा क्षेत्र में मानकीकृत शब्दावली की कमी और अपर्याप्त खुलासा व्यवहार के बारे में गंभीर चिंताओं पर चर्चा हुई।
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) मानक आईएस 15766:2007 में कहा गया है कि अकेले ‘हीरा’ शब्द का तात्पर्य विशेष रूप से प्राकृतिक हीरे से होना चाहिए। सिंथेटिक हीरे को बिना किसी पात्रता के ‘हीरा’ के रूप में लेबल नहीं किया जा सकता है और उत्पादन विधि या उपयोग की जाने वाली सामग्री के बावजूद इसे स्पष्ट रूप से ‘सिंथेटिक हीरे’ के रूप में बताया जाना चाहिए।
बाजार की स्पष्टता बनाए रखने के लिए सिंथेटिक हीरे को प्राकृतिक हीरे के साथ वर्गीकृत करने से भी प्रतिबंधित किया गया है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)