नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच के लिए जांच एजेंसी को दी गई सहमति वापस लेने के कर्नाटक सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
तेईस नवंबर, 2023 को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच के लिए सीबीआई को सहमति देने के संबंध में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के 2019 के कदम को कानून के अनुसार नहीं माना और परिणामस्वरूप मंजूरी वापस लेने का फैसला किया।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 29 अगस्त को सीबीआई और भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल द्वारा दायर याचिका को ‘‘गैर-विचारणीय’’ करार दिया, जिसमें कांग्रेस सरकार के सहमति वापस लेने के फैसले को चुनौती दी गई थी।
हालांकि, पाटिल ने उच्च न्यायालय के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी, जिसने शिवकुमार और राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
सत्रह सितंबर को न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने पाटिल द्वारा दायर याचिका पर शिवकुमार और राज्य सरकार को नोटिस जारी किए थे।
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि शिवकुमार ने 2013 से 2018 के बीच अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की। इस अवधि के दौरान वह तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मंत्री थे।
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