नयी दिल्ली, सात जनवरी दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) और अन्य बिजनेस स्कूलों में दाखिले के लिए कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) 2024 के परिणाम रद्द करने से मंगलवार को इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति तारा वितस्ता गंजू ने 19 दिसंबर, 2024 को घोषित कैट 2024 के परिणामों को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।
अदालत ने कहा, ‘‘कैट 2024 के परिणाम को रद्द करने का कोई कारण नहीं है। याचिका खारिज की जाती है।’’
परीक्षा 24 नवंबर, 2024 को आयोजित की गई थी और उसी वर्ष तीन दिसंबर को अस्थायी उत्तर कुंजी जारी की गई थी।
परीक्षा में भाग लेने वाले याचिकाकर्ता आदित्य कुमार मलिक ने अस्थायी उत्तर कुंजी पर आपत्ति जताई और कहा कि अंग्रेजी बोध से संबंधित प्रश्नपत्रों में से एक के लिए घोषित उत्तर में त्रुटि थी।
उन्होंने कहा कि आपत्ति के बावजूद अस्थायी उत्तर कुंजी में कोई बदलाव किए बिना अंतिम उत्तर कुंजी जारी कर दी गई। मलिक ने कहा कि उनकी आपत्ति का समर्थन विभिन्न कैट कोचिंग केंद्रों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों और संकाय ने किया।
याचिका में कहा गया है कि आईआईएम, कलकत्ता ने बिना कोई कारण बताए या कानूनी सहारा लेने का समय दिए बिना 19 दिसंबर, 2024 को जल्दबाजी में परिणाम घोषित कर दिया।
याचिकाकर्ता ने कहा कि परिणाम जनवरी, 2025 के दूसरे सप्ताह में आने की उम्मीद थी, लेकिन दिसंबर, 2024 में ही परिणाम घोषित कर दिये जाने की जल्दबाजी ‘‘बहुत कुछ कहती है’’।
इसलिए याचिकाकर्ता ने परिणामों को रद्द करने और सही उत्तरों के निर्धारण के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने के निर्देश देने की मांग की थी।
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