जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) की जयपुर (Jaipur) पुलिस ने 12 साल के किशोर के यौन शोषण, बाल श्रम और प्रताड़ना के आरोप में दंपती के खिलाफ मामला दर्ज कर पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने बताया कि दंपती इस बच्चे को एक कमरे में बंद रखकर प्रताड़ित करते थे और उससे जबरन चूड़ियां बनवाते थे. सोशल मीडिया पर हुई मोहब्बत! यूपी से राजस्थान मिलने चला आया प्रेमी, फिर जंगल में मिली 17 साल की प्रेमिका की लाश
पुलिस के अनुसार, बच्चे को एक छोटे से कमरे में रखा गया था और उसके पैरों के तलवों को गर्म चाकू से जला दिया था ताकि वह भागने का प्रयास भी ना कर सके. उन्होंने बताया कि जख्मों के कारण बच्चा चलने की स्थिति नहीं था, लेकिन वह किसी तरह छत पर पहुंचा और वहां से पड़ोसी की छत पर कूद कर उन्हें आपबीती सुनाई. पड़ोसियों से पूरी बात जानने के बाद ‘चाइल्ड हेल्पलाइन’ को सूचित किया.
Jaipur, Rajasthan | A 12-yr-boy tortured by a married couple with the husband raping him in the absence of wife, as told by the child, who later fled the house,is with an NGO now. Accused on the run, wife arrested under child labour,POCSO,other sec: Dileep Singh,SHO,Shastri Nagar pic.twitter.com/LBuQXapve7
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) March 23, 2022
चाइल्ड हेल्पलाइन की काउंसिलर शांति बेरवाल ने मौके पर पहुंचकर किशोर की हालत के बारे में पुलिस को सूचित किया. बातचीत में किशोर ने बताया कि उसका यौन शोषण किया गया, उसे मारा-पीटा गया, उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया.
पुलिस ने इस सिलसिले में आरोपी दंपती के खिलाफ मामला दर्ज कर महिला रूही परवीन को गिरफ्तार कर लिया है जबकि मूल रूप से बिहार के रहने वाले उसे पति मोहम्मद रियाज को तलाश किया जा रहा है.
शास्त्री नगर के थाना प्रभारी दिलीप सिंह ने बताया कि 12 साल के इस बच्चे ने बताया कि दंपती करीब 6-7 महीने पहले उसे बिहार से जयपुर लेकर आए थे और यहां उससे जबरदस्ती काम करवाते और प्रताड़ित करते.
उन्होंने बताया कि बच्चे को प्राथमिक उपचार के बाद बाल कल्याण समिति को सौंपा और बाद में उसके निर्देश पर उसे बाल आश्रयगृह भेज दिया गया.
थाना प्रभारी ने बताया कि किशोर न्याय अधिनियम, पॉक्सो अधिनियम, भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में दंपती के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
वहीं, बेरवाल ने बताया कि बच्चे को बेरहमी से मारा-पीट गया है और उसके शरीर के लगभग हर हिस्से पर चोट के निशान हैं.
उन्होंने बताया, ‘‘बच्चे को सुबह चार बजे से दोपहर एक बजे तक काम करने के लिए मजबूर किया जाता और एक छोटे कमरे में बंद रखा जाता. उससे कमरे में ही चूड़ियां बनवायी जातीं.’’
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