देश की खबरें | सीमा मुद्दा जटिल, लेकिन कोई पक्ष युद्ध और टकराव नहीं चाहता: चीनी राजनयिक

नयी दिल्ली, 22 मार्च चीनी दूतावास में प्रभारी राजदूत मा जिया ने बुधवार को कहा कि चीन और भारत को सीमा के हालात से उपजी कठिनाइयों का सामना करना होगा, लेकिन दोनों में से कोई भी देश युद्ध या टकराव नहीं चाहता।

मा जिया ने यहां मीडिया ब्रीफिंग में सीमावर्ती क्षेत्रों के हालात को ‘बहुत जटिल’ बताते हुए कहा कि एक समझौते पर पहुंचना आसान नहीं था जिसकी वजह से दोनों देश परामर्श तथा सहयोग की स्थापित कार्य प्रणाली के माध्यम से बातचीत और वरिष्ठ कमांडर स्तर की बैठकें कर रहे हैं।

उनका बयान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान की पृष्ठभूमि में आया है। जिससे संकेत मिला कि दोनों पक्ष ‘अप्रासंगिक मुद्दों’ को उठाने के लिए बहुपक्षीय मंचों के उपयोग का विरोध करेंगे।

भारत में चीनी राजदूत के रूप में सुन वीदोंग का कार्यकाल पिछले साल अक्टूबर में समाप्त होने के बाद चीन ने अभी तक इस पद पर किसी की नियुक्ति नहीं की है। वरिष्ठ राजनयिक जिया नयी दिल्ली में चीनी मिशन की प्रभारी हैं।

इससे पहले जिया ने स्वत: संज्ञान लेते हुए दिये गये अपने बयान में कहा था कि सीमा पर मौजूदा हालात स्थिर हैं और चीन तथा भारत स्थापित माध्यमों से संवाद कर रहे हैं जिनमें परामर्श तथा सहयोग के लिए कार्य प्रणाली एवं वरिष्ठ कमांडर स्तरीय बैठक हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘कठिनाइयां हैं, मैं यह बात कह चुकी हूं। लेकिन हमें इसका सामना करना होगा। हमें यह भी भरोसा है कि चीन और भारत युद्ध नहीं चाहते।’’

जिया ने कहा कि सीमा का मुद्दा कई साल से है और समझौते पर पहुंचना आसान नहीं था।

बहुपक्षीय मंचों पर यूक्रेन का मुद्दा उठाये जाने पर रूस और चीन के विरोध करने के संकेतों के बीच चीनी राजनयिक ने कहा कि यदि आर्थिक और वित्तीय विषयों पर चर्चा करने के लिए स्थापित किसी मंच पर प्रमुख सुरक्षा मुद्दे उठाये जाते हैं तो जी20 में आम-सहमति पर पहुंचना मुश्किल हो सकता है।

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