चेन्नई: तमिलनाडु सरकार राज्य में नौ लोगों के ब्लैक फंगस संक्रमण (म्यूकरमाइकोसिस) से संक्रमित पाए जाने के बाद बृहस्पतिवार को इसे एक अधिसूचित रोग घोषित किया. स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘वर्तमान में नौ लोगों में इस रोग का उपचार चल रहा है, जिनमें से छह पुराने मामले हैं और तीन नये हैं. उनमें से सात मधुमेह रोगी हैं… सभी की स्थिति स्थिर है.’’ उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस का अस्तित्व कोविड-19 महामारी की शुरुआत से बहुत पहले से था. उन्होंने कहा कि अनियंत्रित मधुमेह वाले और स्टेरॉयड का सेवन करने वाले और लंबे समय तक गहन चिकित्सा इकाइयों में रहने वाले लोगों के इस बीमारी की चपेट में आने की अधिक आशंका है.
उन्होंने कहा कि क्या उपाय किए जाने की आवश्यकता है, इसका अध्ययन करने के लिए वरिष्ठ चिकित्सा पेशेवरों को शामिल करते हुए 10 सदस्यीय ‘म्यूकरमाइकोसिस समिति’ का गठन किया गया है. उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस को एक अधिसूचित बीमारी घोषित करने का लाभ यह होगा कि सभी अस्पताल ऐसी स्थिति में तुरंत सरकार को सूचित करेंगे यदि उनके सामने ऐसे मामले आते हैं. इससे प्रशासन को पता चल सकेगा कि कौन सा स्थान या जिले में ऐसे मामले अधिक सामने आ रहे हैं. यह भी पढ़ें: White Fungus: ब्लैक फंगस के बाद अब देश में बढ़ रहा व्हाइट फंगस का खतरा- जानिए क्यों है ज्यादा खतरनाक
राधाकृष्णन ने लोगों से इस बीमारी के बारे में विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर फैल रहे अफवाहों से घबराने या विश्वास न करने का आग्रह किया. मीडिया की खबरों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस बीमारी का असर राजस्थान और महाराष्ट्र जैसी जगहों पर ज्यादा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने ब्लैक फंगस के इलाज के लिए और अधिक एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन खरीदने के आर्डर दिए हैं.
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