शिमला, 29 मई : कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने बुधवार को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हिमाचल प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र समेत लघु और मध्यम कारोबारों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन से राज्य के पर्यटन उद्योग पर असर पड़ा है. गांधी ने कहा कि अगर कांग्रेस लोकसभा चुनाव जीतकर सत्ता में आई तो वह लघु और मध्यम व्यवसायों पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस क्षेत्र को मजबूत करेगी. कुल्लू में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बंदरगाहों, हवाई अड्डों और कोयला खदानों जैसी देश की सार्वजनिक संपत्ति को "अपने उद्योगपति मित्रों" को सौंपने का आरोप लगाया. इसके अलावा, गांधी ने दावा किया कि अमेरिका से आने वाले सेबों पर आयात शुल्क कम कर दिया गया है, जबकि स्थानीय उत्पादकों को कृषि उपकरणों व औजारों पर लगाया गया जीएसटी चुकाना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि इस कारण, राज्य के सेब उत्पादक अमेरिका से आयातित सेबों से प्रभावित हो रहे हैं, जिनकी बाजारों में भरमार है. उन्होंने आरोप लगाया कि अब “कोविड टीकों के कारण लोग मर रहे हैं” जबकि भाजपा ने टीके बनाने वालों से 52 करोड़ रुपये का चंदा लिया था. उन्होंने कहा कि 55 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस सबसे अमीर पार्टी नहीं बन सकी, लेकिन भाजपा सिर्फ 10 साल में दुनिया की सबसे अमीर पार्टी बन गई है. मंडी लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह के लिए प्रचार करते हुए उन्होंने कहा कि अगर ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनी तो राज्य की गरीब महिलाओं को हर महीने 10 हजार रुपये- लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में घोषित 8,500 रुपये और हिमाचल प्रदेश में पार्टी की सरकार के वादे के अनुसार 1,500 रुपये- मिलेंगे. यह भी पढ़ें : पंजाब में नशे की समस्या आज भी है; और बढ़ रही है: राहुल गांधी
राज्य की सभी चार लोकसभा सीटों के लिए मतदान अंतिम चरण में एक जून को होगा. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सुंदर राज्य है और "सुसंस्कृत राजनीति का प्रतीक" है. उन्होंने राज्य के लोगों से देश की राजनीति को सही दिशा में ले जाने का आग्रह किया. प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए गांधी ने कहा, "मोदी जी हिमाचल को अपना दूसरा घर कहते हैं, लेकिन उन्होंने न तो राज्य को कोई विशेष पैकेज दिया और न ही उन्होंने अब तक के सबसे खराब मानसून को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया." उन्होंने कहा कि इसके बजाय उन्होंने राज्य में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई कांग्रेस सरकार को गिराने का हर संभव प्रयास किया. गांधी कांग्रेस के उन छह विधायकों के विद्रोह के बाद उपजे राजनीतिक संकट का जिक्र कर रही थीं, जिन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान किया था और बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे. वे अब भाजपा उम्मीदवार के तौर पर विधानसभा उपचुनाव लड़ रहे हैं.
उन्होंने कहा, "पिछले वर्ष राज्य में आई सबसे भीषण मानसूनी आपदा के दौरान लोगों ने कांग्रेस और भाजपा के बीच के अंतर देखा, जब कांग्रेस का हर नेता और कार्यकर्ता जमीन पर था, जबकि भाजपा कहीं नजर नहीं आई थी." कांग्रेस नेता ने यह दावा भी किया कि जब हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का प्रयास किया तो भाजपा नीत केंद्र सरकार ने इसे असफल बनाने के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत जमा धनराशि जारी नहीं की. उन्होंने अग्निपथ योजना के लिए भी भाजपा सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इससे बेरोजगारी बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि बेरोजगारी "पिछले 45 वर्षों में सबसे अधिक है और 70 करोड़ युवा नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं." मंडी लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भाजपा प्रतिद्वंद्वी कंगना रनौत एक "पैराशूट उम्मीदवार" हैं. सिंह ने कहा कि रनौत को राज्य के बारे में कोई जानकारी नहीं है, इससे उनका कोई जुड़ाव नहीं है और पिछले साल बाढ़ के दौरान भी वह अनुपस्थित रही थीं.