मुंबई, 17 जुलाई: दिल्ली में पार्टी प्रमुख शरद पवार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बैठक के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और भाजपा के एक साथ आने की अटकलों को खारिज करते हुए महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा नेता नवाब मलिक ने शनिवार को कहा कि दोनों पार्टियां नदी के दो छोरों की तरह हैं, जो कभी एक नहीं हो सकतीं. प्रधानमंत्री के साथ एक घंटे के करीब चली मुलाकात के दौरान पवार एवं मोदी ने बैंकिंग संशोधन अधिनियम एवं सहकारिता क्षेत्र समेत विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की. राकांपा प्रवक्ता ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘राकांपा कभी भी भारतीय जनता पार्टी के साथ हाथ नहीं मिला सकती है क्योंकि दोनों पार्टियों की विचाराधारा अलग-अलग है. भाजपा और राकांपा नदी के दो छोर हैं, जो तब तक साथ नहीं आ सकते, जब तक नदी में पानी है.’’
मलिक ने कहा कि इन अफवाहों में कोई सच्चाई नहीं है. शरद पवार की अगुवाई वाली पार्टी प्रदेश की शिवसेना की अगुवाई वाली महा विकास आघाड़ी सरकार का एक प्रमुख घटक है, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है. उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में 2014 में हुये विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश के हित में औरा विकास के लिये राकांपा ने भाजपा को सरकार बनाने के लिये बाहर से समर्थन देने की पेशकश की थी. हालांकि, बाद में भाजपा ने शिवसेना की मदद से सरकार का गठन किया था.
भाजपा एवं शिवसेना का गठबंधन 2019 में उस समय टूट गया, जब विधानसभा चुनाव के बाद उद्धव ठाकरे की पार्टी ने मुख्यमंत्री के पद पर दावा किया था. इसके बाद शिवसेना ने राकांपा एवं कांग्रेस के साथ मिल कर नवंबर 2019 में एमवीए सरकार का गठन किया और ठाकरे मुख्यमंत्री बने. मलिक ने कहा, ‘‘भाजपा और राकांपा के लिये राष्ट्रवाद की परि अलग-अलग है.’’ उन्होंने कहा कि एमवीए सरकार बेहतर काम कर रही है.
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