नयी दिल्ली, 25 जुलाई मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच लोकसभा में मंगलवार को ‘जैव विविधता (संशोधन) विधेयक, 2022 को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया और शोर-शराबे के कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद शाम पांच बजे तक स्थगित कर दी गयी।
निचले सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे शुरू हुई तो पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने सभापटल पर आवश्यक कागजात प्रस्तुत कराए । इसके बाद पर्यावरण और वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने ‘जैव विविधता (संशोधन) विधेयक, 2022’ को सदन के विचारार्थ और पारित करने के लिए प्रस्तुत किया।
कुछ सदस्यों ने विधेयक पर संक्षिप्त चर्चा में हिस्सा लिया। चर्चा के जवाब में यादव ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने पिछले नौ वर्ष में विभिन्न क्षेत्रों में, विशेष रूप से पर्यावरण के क्षेत्र में बहुत योगदान दिया है।
उन्होंने कहा कि जैव विविधता अधिनियम 1992 में लाया गया था और पिछले लगभग 30 वर्ष में जैवविविधता से जुड़ी विभिन्न जमीनी समस्याएं सामने आईं, इसलिए जैवविविधता संरक्षण के लिए तथा समान बंटवारे के लिए यह संशोधन किये जाने आवश्यक थे।
यादव ने कहा कि मोदी सरकार ने आयुष मंत्रालय बनाया जिसने जैव विविधता से जुड़े उत्पादों के उपयोग पर काम किया और इस क्षेत्र में अनुसंधान तथा आकदमिक सहयोग बढ़ाने के लिए संशोधन आवश्यक लगे और इस लिहाज से यह संशोधन विधेयक लाया गया।
उन्होंने कहा कि इस विधेयक को संसद की संयुक्त समिति को भेजा गया था जिसकी रिपोर्ट के आधार पर मौजूदा संशोधन विधेयक लाया गया है।
मंत्री के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी।
इसके बाद पीठासीन सभापति अग्रवाल ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी से सदन में बयान देने की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘बिना चर्चा के जवाब नहीं दिया जा सकता। चर्चा होगी तो जवाब भी दिया जाएगा।’’
उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ और शोर-शराबा जारी रहने पर उन्होंने कार्यवाही शाम पांच बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले 11 बजे सदन की बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने को कहा, उसी समय कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्य मणिपुर के मुद्दे को उठाने लगे और नारेबाजी करने लगे। बिरला ने विपक्षी सदस्यों से नारेबाजी बंद कर सदन चलने देने की अपील की।
बिरला ने कहा, ‘‘आप अपने अपने स्थान पर जाएं। आपको हर मुद्दे पर पर्याप्त समय दूंगा। संसद की गरिमा को बनाए रखें।’’
उन्होंने कहा कि सदन में रोजाना तख्तियां लाना संसद की परंपराओं के अनुरूप नहीं है।
हंगामा नहीं थमने पर बिरला ने पूर्वाह्न 11 बजकर तीन मिनट पर सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
विपक्षी दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संसद के भीतर वक्तव्य देने और विस्तृत चर्चा की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर हंगामे के कारण संसद के मानसून सत्र के पहले तीन दिन दोनों सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई थी।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)