वाशिंगटन, 19 मार्च पांच डेमोक्रेट सीनेटरों ने राष्ट्रपति जो बाइडन से उनके पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कुछ गैर-आव्रजक वीजा पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने की मांग की है। इनमें एच-1बी वीजा भी शामिल है, जो भारतीय आईटी पेशेवरों में काफी लोकप्रिय है।
अमेरिकी सीनेटरों का कहना है कि इस प्रतिबंध की वजह से अमेरिकी नियोक्ताओं, उनके विदेश में जन्मे पेशेवर कर्मचारियों और उनके परिजनों के लिए काफी अनिश्चिय की स्थिति पैदा हो गई है।
जून, 2020 में ट्रंप ने घोषणा-10052 के जरिये एच-1बी, एल-1, एच-2बी और जे-1 वीजा की प्रक्रिया रोक दी थी। श्रम बाजार में इन वीजा के कथित जोखिमों के मद्देनजर ट्रंप ने यह कदम उठाया था।
हालांकि, यह प्रावधान 31 मार्च, 2021 को समाप्त हो रहा है, लेकिन कंपनियों का कहना है कि यदि इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो उनका कारोबार और अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार प्रभावित हो सकता है।
इन सीनेटरों ने कहा कि रिपोर्ट से पता चलता है कि सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में एच-1बी वीजा धारकों के पद अभी खाली हैं या इन्हें विदेशी बाजारों में स्थानांतरित कर दिया गया है।
एच-1बी वीजा एक गैर-आव्रजक वीजा है जिसके जरिये अमेरिकी कंपनियों को विशेषज्ञता वाले पदों पर विदेशी कर्मचारियों की नियुक्ति की अनुमति होती है।
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