कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Govt) कोरोना महामारी के मद्देनजर बड़ी संख्या में राज्य लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों को अस्थायी आश्रय प्रदान करने के लिए 200 'सुरक्षित घर' बनाएगी. यदि प्रवासी मजदूरों के घर में पृथक-वास के नियमों का पालन करने के लिए जगह ना हो तो बिना लक्षण वाले या हल्के लक्षण वाले संक्रमित मरीजों को इन घरों में आश्रय दिया जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार तक इन घरों के निर्माण के लिए 341 खंडों की पहचान की है.
प्रत्येक सुरक्षित घर में एक डॉक्टर, कुछ नर्स और स्वास्थ्यकर्मी होंगे जो दिन में दो बार घर में रह रहे लोगों की स्वास्थ्य की जांच करेंगे. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार तक राज्य में संक्रमण के कुल 5,587 मामले सामने आए हैं जिनमें से अधिकांश राज्य लौटने वाले प्रवासी मजदूर हैं. बता दें कि दूसरे अन्य राज्यों की तरह पश्चिम बंगाल भी इस महामारी की चपेट में हैं.