देहरादून, 28 जून उत्तराखंड में पिथौरागढ जिले के मुनस्यारी में भारत-चीन सीमा के पास ओवरलोड ट्रक के गुजरने से भरभराकर ढह गए बेली ब्रिज को सीमा सडक संगठन :बीआरओ: ने केवल पांच दिन में दोबारा बना दिया ।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी साझा करते हुए इसके निर्माण कार्य में दिन रात जुटे रहे बीआरओ के तमाम अधिकारियों और इंजीनियरों को बहुत बधाई दी है ।
रावत ने कहा कि बीआरओ ने मुनस्यारी में केवल पांच दिन में ही अति सामरिक महत्व के बेली ब्रिज को दोबारा बनाकर उच्चस्तरीय तकनीकी क्षमता का परिचय दिया है।
उन्होंने बताया कि नए पुल की भार वहन करने की क्षमता दोगुनी है। मुख्यमंत्री ने टिवटर पर इस पुल से गुजरती एक भारी भरकम मशीन का वीडियो भी साझा किया है ।
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बाइस जून को भारत—चीन सीमा से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित बेली ब्रिज एक भारी ट्रक के गुजरने के दौरान टूट गया था ।
चालीस फीट लंबे और 2009 में निर्मित उस बेली ब्रिज की भार सहने की क्षमता 18 टन थी जबकि उसपर से गुजरने वाले ट्रक और उस पर लदी जेसीबी मशीन का कुल भार 26 टन था । पुल के टूटने से जौहार घाटी के करीब 15 सीमांत गांवों का संपर्क कट गया था ।
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