देश की खबरें | बघेल ने 1320 मेगावाट के सुपर क्रिटिकल ताप विद्युत परियोजना का शिलान्यास किया

कोरबा (छत्तीसगढ़), 29 जुलाई मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को राज्य के कोरबा जिले में 1320 मेगावाट के सुपर क्रिटिकल ताप विद्युत परियोजना का शिलान्यास किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि बघेल ने संयंत्र का नाम पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी के नाम पर रखने की घोषणा की।

कोरबा के घंटाघर मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने 13,356 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।

राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ ‘स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी’ कोरबा जिले में 660 मेगावाट की दो नई इकाइयां स्थापित करेगी। यह संयंत्र 12 हजार 915 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से तैयार होगा।

इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, ‘‘कोरबा राज्य की ऊर्जा राजधानी है। प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 1957 में यहां बिजली संयंत्र की शुरूआत की थी।''

उन्होंने कहा, ''अब तक के सबसे बड़े 1320 मेगा वाट के पावर प्लांट के लिए आपको बधाई। पर्यावरण और कोयला की अनुमति मिल चुकी है। सारी प्रक्रिया बहुत तेज हुई है, मेरा विश्वास है कि 2028 तक इसे शुरू कर लेंगे।''

मुख्यमंत्री ने कहा, ''हमारे यहां बिजली की खपत प्रति व्यक्ति देश में सबसे ऊपर है। हमारे यहां 42 लाख परिवारों को आधे दर पर 400 यूनिट तक बिजली मिल रही है। किसानों को हमने 12,357 करोड़ रुपए की सब्सिडी उपलब्ध कराई है। बिजली विभाग इस मामले में लगातार समर्पित है। राज्य में अब बिजली उत्पादन बढ़कर 4300 मेगावाट हो जाएगी। साथ ही हम सौर उर्जा पर भी काम कर रहे हैं, पनबिजली पर भी काम कर रहे हैं।''

राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी की कुल उत्पादन क्षमता 2978.7 मेगावाट है। राज्य स्थापना के समय उत्पादन क्षमता 1360 मेगावाट थी। राज्य में तेज गति से हो रहे आर्थिक विकास से बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है। भविष्य की आवश्यकता को देखते हुए कोरबा में 660-660 मेगावाट की दो नई इकाइयों की स्थापना की जा रही है। 1320 मेगावाट का यह सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर स्टेशन राज्य का सबसे बड़ा और आधुनिक संयंत्र होगा।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 25 अगस्त, 2022 को इस संयंत्र की स्थापना का निर्णय लिया था। जिस पर तेज गति से कार्य करते हुए छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी ने आवश्यक अनुमति और स्वीकृतियां प्राप्त की है।

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