Sunil Chhetri: भारत के दिग्गज खिलाड़ी सुनील छेत्री ने कहा- ''बबलू दा'' ने मुझे फुटबॉल के प्रति जुनूनी होना सिखाया

भट्टाचार्य की आत्मकथा का नाम ‘ सोलह आना बबलू’ है. इस अवसर पर पूर्व फुटबॉलर प्रसून बनर्जी, मनोरंजन भट्टाचार्य, कृष्णेन्दु रॉय, समरेश चौधरी सहित बागान और ईस्ट बंगाल के क्लब अधिकारी उपस्थित थे. मोहन बागान दिवस का मुख्य समारोह रविवार को आयोजित किया जाएगा जहां भारत के पूर्व मिडफील्डर गौतम सरकार को ‘मोहन बागान रत्न’ से सम्मानित किया जाएगा.

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Sunil Chhetri: भारत के दिग्गज खिलाड़ी सुनील छेत्री ने कहा- ''बबलू दा'' ने मुझे फुटबॉल के प्रति जुनूनी होना सिखाया

भट्टाचार्य की आत्मकथा का नाम ‘ सोलह आना बबलू’ है. इस अवसर पर पूर्व फुटबॉलर प्रसून बनर्जी, मनोरंजन भट्टाचार्य, कृष्णेन्दु रॉय, समरेश चौधरी सहित बागान और ईस्ट बंगाल के क्लब अधिकारी उपस्थित थे. मोहन बागान दिवस का मुख्य समारोह रविवार को आयोजित किया जाएगा जहां भारत के पूर्व मिडफील्डर गौतम सरकार को ‘मोहन बागान रत्न’ से सम्मानित किया जाएगा.

एजेंसी न्यूज Bhasha|
Sunil Chhetri: भारत के दिग्गज खिलाड़ी सुनील छेत्री ने कहा- ''बबलू दा'' ने मुझे फुटबॉल के प्रति जुनूनी होना सिखाया
सुनील छेत्री (Photo credit: Twitter @IndianFootball)

कोलकाता: भारत के दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी सुनील छेत्री ने शनिवार को कहा कि भारत और मोहन बागान के पूर्व डिफेंडर सुब्रत भट्टाचार्य ने उन्हें इस खेल के प्रति जुनूनी होने सिखाया. भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक 38 साल के छेत्री ने 2002 में मोहन बागान में कोच भट्टाचार्य के तहत अपने पेशेवर क्लब फुटबॉल की शुरुआत की थी. क्लब के वार्षिक दिवस समारोह के दौरान यहां भट्टाचार्य की आत्मकथा का अनावरण भी हुआ.

छेत्री ने मोहन बागान दिवस समारोह के दौरान अपने संबोधन में कहा, ‘‘मैंने हमेशा सभी को यह कहते हुए सुना है कि बबलू दा (भट्टाचार्य का घरेलू नाम) एक शीर्ष खिलाड़ी थे, वह ऐसे या वैसे है. लेकिन जब वह खेलते थे तब मैं तब पैदा नहीं हुआ था और उसके युग के ज्यादा वीडियो नहीं हैं.’’ ENG vs AUS 5th Test, Day 3: इंग्लैंड ने चाय तक आस्ट्रेलिया पर 253 रन की बढ़त हासिल की

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं सिर्फ एक बात कहना चाहता हूं कि जब मैं पहली बार 2002 में इसी मैदान पर खेलने आया था, तो मुझे नहीं पता था कि मोहन बागान के लिए खेलने का क्या मतलब है, क्लब की विरासत, जर्सी के लिए भावना के क्या मायने है.’’

उन्होंने मंच पर बैठे इस पूर्व कोच और अपने ससुर की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘मुझे इन सब का जवाब नहीं पता था. लेकिन जिस इंसान में मुझे इसके बारे में बताया वह यही है.’’ छेत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझसे सिर्फ इतना कहा, अच्छे या बुरे समय में, फुटबॉल खेलो, सब कुछ भूल जाओ, सिर्फ फुटबॉल के बारे में सोचो. ऐसी बहुत सी बातें हैं जो उनके बारे में अच्छी हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात जो मैंने सीखी है वह यह है कि चाहे कुछ भी हो, अपना सर्वश्रेष्ठ दो, चाहे क्लब के लिए खेलो, चाहे जर्सी के लिए खेलो. मैं इस सीख को कभी नहीं भूलूंगा.’’ छेत्री के नाम 142 मैचों में 93 अंतरराष्ट्रीय गोल हैं और वह सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल करने के मामले में चौथे स्थान पर है.

भट्टाचार्य की आत्मकथा का नाम ‘ सोलह आना बबलू’ है. इस अवसर पर पूर्व फुटबॉलर प्रसून बनर्जी, मनोरंजन भट्टाचार्य, कृष्णेन्दु रॉय, समरेश चौधरी सहित बागान और ईस्ट बंगाल के क्लब अधिकारी उपस्थित थे. मोहन बागान दिवस का मुख्य समारोह रविवार को आयोजित किया जाएगा जहां भारत के पूर्व मिडफील्डर गौतम सरकार को ‘मोहन बागान रत्न’ से सम्मानित किया जाएगा. शनिवार को मुहर्रम के कारण, वास्तविक समारोह एक दिन के लिए स्थगित कर दिया गया.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

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